बानसूर स्थित तालवृक्ष धाम का रोचक है इतिहास

Edited By Afjal Khan, Updated: 18 Feb, 2023 05:34 PM

history of talvriksha dham located in bansur is interesting

शिवरात्रि के इस मौके पर आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताएंगे, जिसका इतिहास से एक अलग सरोकार हैं।

आज देशभर में शिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा हैं। शिवरात्रि को लेकर लोगों में अलग उत्साह भी नजर आ रहा हैं। शिवरात्रि के इस मौके पर आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताएंगे, जिसका इतिहास से एक अलग सरोकार हैं।

इसका नाम है तालवृक्ष धाम। यह बानसूर विधानसभा क्षेत्र में स्थित है और लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। पौराणिक और ऐतिहासिक दोनों ही रूप से इस स्थान का विशेष महत्व है। यह नारायणपुर से करीब 10 किलोमीटर दूर अलवर रोड पर पहाड़ों की गोद में बसा हुआ है। इस स्थान पर ताल, अर्जुन और खजूर वृक्ष बहुत ज्यादा होने के कारण इसका नाम तालवृक्ष रखा गया था।

यहां पर अर्जुन के आराध्य देव का 7 फीट ऊंचा शिवलिंग है। जिसे भूतेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। यह शिवलिंग जिस मंदिर में स्थापित है, उस गुंबद में अनेक देवताओं की मूर्तियां तराशी हुई है। बताया जाता है कि यह प्राचीन भूतेश्वर महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग पृथ्वी के अंदर से निकला था। इस शिवलिंग के ऊपर एक गोल मुकुट रखा गया है। यह मुकुट कोकनवाड़ी किले से लाया गया था। आज हजारों की संख्या में भक्त महादेव के शिवलिंग पर झेगड यानी टोकनी में जल भरकर चढ़ाते है और मनोकामना मांगते हैं।

यह स्थान महाभारत से भी जुड़ा हुआ है। कहते हैं कि महाभारत काल में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान अपने हथियारों को तालवृक्ष में ताल के विशाल और ऊंचे पेड़ों में छुपा दिया था। यहां से विराटनगर जाकर विराट के राजा की सेवा की थी। तालवृक्ष धाम में मुख्य आकर्षण का केंद्र गर्म और ठंडे पानी के कुंड हैं। पहले यह कुंड कच्चे थे, लेकिन नारायणपुर के तत्कालीन महाराज राम सिंह ने इनका जीर्णोद्धार करवाया। मान्यता है कि यहां गरम पानी के कुंड में स्नान करने से चर्म रोग दूर होते हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!