राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े: "भारत में टैलेंट की कोई कमी नहीं"

Edited By Liza Chandel, Updated: 23 Feb, 2025 01:28 PM

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राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े  शनिवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर में आयोजित अखिल भारतीय नागरिक परिसंघ के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान द्वारा...

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े: "भारत में टैलेंट की कोई कमी नहीं"

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े  शनिवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर में आयोजित अखिल भारतीय नागरिक परिसंघ के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान द्वारा किया गया था।राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। यहां कई ऐसी संस्थाएं और विश्वविद्यालय हैं, जो टैलेंट को विकसित करने का कार्य कर रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारी परंपरा और संस्कृति को बनाए रखने के लिए प्रारंभिक शिक्षा से ही मेहनत करनी होगी।

मैकाले की शिक्षा नीति पर राज्यपाल की टिप्पणी
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि आक्रमणकारियों ने भारतीय परंपरा को भुला दिया था और देश का शोषण किया। उन्होंने प्रसिद्ध अंग्रेजी प्रशासक थॉमस मैकाले का उल्लेख करते हुए कहा कि जब वह भारत से इंग्लैंड लौटा, तो उसने वहां कहा था कि "भारत में मैंने कहीं भी एक चोर नहीं देखा। भारत के लोग नैतिक रूप से मजबूत हैं और उन्हें लंबे समय तक गुलाम नहीं बनाया जा सकता, जब तक उनकी शिक्षा प्रणाली को नहीं बदला जाता।"

राज्यपाल ने कहा कि मैकाले ने शिक्षा नीति बदलकर भारतीयों को अपनी जड़ों से दूर करने का प्रयास किया, लेकिन अब स्थिति बदल रही है। उन्होंने कहा कि भारत में नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है, जिससे हमारी परंपरा और इतिहास को पुनः सशक्त बनाया जा सके।

"भारत में टैलेंट की फैक्ट्रियां हैं"
राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में एलन मस्क ने अमेरिका के लिए 0.1% उत्कृष्ट इंजीनियरों की आवश्यकता की बात कही थी। इसके कुछ दिनों बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा कि अमेरिका को टैलेंट की जरूरत है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत में टैलेंट की फैक्ट्रियां पहले से ही मौजूद हैं, और देश के विश्वविद्यालय इसी दिशा में कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ संस्कृति और राष्ट्रीयता की भावना को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संघ की ओर से दूसरे राज्यों के बच्चों को भारतीय संस्कृति से परिचित कराया जाता है, जिससे उनके मन में राष्ट्रभक्ति की भावना विकसित हो सके।

"राजस्थान धार्मिक राज्य है"
राज्यपाल ने राजस्थान को धार्मिक राज्य बताते हुए कहा कि यहां धर्म, आस्था और संस्कृति का गहरा प्रभाव है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में गौभक्ति की परंपरा अत्यंत महत्वपूर्ण है, और यहां गौपूजन को विशेष महत्व दिया जाता है। उन्होंने कहा कि लोग गायों के संरक्षण और मंदिरों के लिए किसी भी प्रकार के प्रयास करने को तैयार रहते हैं।

सम्मेलन में वरिष्ठ नागरिकों का मंथन
सम्मेलन के दौरान वरिष्ठ नागरिकों ने विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। परिसंघ के उपाध्यक्ष भंवर सेठ ने स्वागत भाषण दिया, जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष वी.के. भाडने ने ध्वजारोहण किया।

इस अवसर पर जनार्दनराय नागर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, परिसंघ उपाध्यक्ष अन्ना साहब टकले, संस्थान अध्यक्ष चौसरलाल कच्छारा और डॉ. शिल्पा सेठ मंचासीन रहे।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में देश के बदलते परिदृश्य और शिक्षा नीति के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से प्रगति कर रहा है और 2047 तक स्वतंत्रता की शताब्दी मनाने के लक्ष्य की ओर अग्रसर है।

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