Edited By Liza Chandel, Updated: 11 Jan, 2025 03:22 PM
डोटासरा ने आगे बताया कि 7 जनवरी 2025 को दिल्ली में हुई बैठक में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी शामिल थे। बैठक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने साफ कहा था कि राजस्थान को...
यमुना जल समझौते पर डोटासरा का विरोध
राजस्थान के साथ 'धोखा' बताया समझौता
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यमुना जल समझौते को 'राजस्थान के साथ छल' करार देते हुए भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह समझौता 1994 के मूल जल समझौते की शर्तों का उल्लंघन है।
हरियाणा को प्राथमिकता, राजस्थान के हितों की अनदेखी
डोटासरा ने बताया कि नए समझौते के तहत हरियाणा को पहले 24,000 क्यूसेक पानी दिया जाएगा, और राजस्थान को केवल बचे हुए या अतिरिक्त पानी की आपूर्ति होगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी इस बात की पुष्टि की है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर निशाना
डोटासरा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने हरियाणा की मनमानी के आगे घुटने टेक दिए। जल बंटवारे में केंद्रीय जल आयोग की भूमिका होने के बावजूद हरियाणा ने अपने हिसाब से 24,000 क्यूसेक पानी तय कर लिया।
7 जनवरी 2025 की बैठक के खुलासे
दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में हुई बैठक का जिक्र करते हुए डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार ने न तो समझौते को सार्वजनिक किया और न ही प्रगति रिपोर्ट पेश की।
कांग्रेस सरकार का प्रयास और केंद्र की बाधा
डोटासरा ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने 1994 के मूल समझौते के तहत 31,000 करोड़ की DPR बनाकर केंद्रीय जल आयोग को भेजा था, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी।
शेखावाटी को पानी के अधिकार से वंचित किया गया
1994 के समझौते के अनुसार, राजस्थान के तीन जिलों—सीकर, चूरू और झुंझुनू—को 1.19 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलना तय था। हालांकि, नए समझौते में हरियाणा के हितों को प्राथमिकता दी गई।
टास्क फोर्स का गठन, हरियाणा की उदासीनता
डोटासरा ने बताया कि राजस्थान सरकार ने 14 मार्च 2024 को टास्क फोर्स का गठन कर दिया, लेकिन हरियाणा सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।डोटासरा ने भाजपा सरकार पर राजनीतिक डर और शेखावाटी की जनता के हितों के साथ समझौता करने का आरोप लगाते हुए इसे राजस्थान के साथ अन्याय बताया।