Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 15 Dec, 2024 07:09 PM
हनुमानगढ़ | प्रदेश में विपक्ष वाली पार्टी के संगठन मुखिया इन दिनों खूब चर्चा में हैं । चर्चा की वजह संगठन को धार देने की कवायद है। संगठन मुखिया की पिछले दिनों पार्टी सर्वेसर्वा से दो बार मुलाकातें हो चुकी हैं । सूत्रों का कहना है कि इन मुलाकातों...
हनुमानगढ़ | प्रदेश में विपक्ष वाली पार्टी के संगठन मुखिया इन दिनों खूब चर्चा में हैं । चर्चा की वजह संगठन को धार देने की कवायद है। संगठन मुखिया की पिछले दिनों पार्टी सर्वेसर्वा से दो बार मुलाकातें हो चुकी हैं । सूत्रों का कहना है कि इन मुलाकातों में संगठन मुखिया को पार्टी को मजबूत करने के लिए कोई भी एक्शन लेने की छूट दे दी गई है। दिल्ली के निर्देश के बाद अब पार्टी ने प्रदेश मुख्यालय में पार्टी पदाधिकारियों की दो दिन की बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी की आगामी रणनीति पर विचार-विमर्श होगा। चर्चा है कि काम न करने वाले संगठन पदाधिकारियों की छुट्टी हो सकती है। उनके स्थान पर कुछ जोशीले पदाधिकारी कार्यकारिणी में आ सकते हैं । पार्टी के कई जिलों में भी हालात बुरे हैं। वहां के जिला प्रधान सिर्फ कागजों में पार्टी चला रहे हैं। जिलों में कार्यकारिणी बनी है लेकिन पदाधिकारी सिर्फ सिफारिश से फिट हुए हैं। पार्टी उनकी जगह भी सक्रिय पदाधिकारियों को ढूंढ रही है। अब ढूंढने का पैमाना क्या होगा, इसका खुलासा नहीं हुआ है। मीडिया में संगठन में बदलाव की खबरें आ रही हैं । इन चर्चाओं से संगठन मुखिया चर्चा में हैं और उपचुनाव में पार्टी की हार की चर्चाओं को बदलाव से बदलने की जुगत में हैं। दिल्ली से फ्री हैंड मिला है तो उसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा। संगठन को धार देकर पार्टी जनता से जुड़े कितने मुद्दे उठाएगी यह आने वाले समय में देखना होगा।
मंत्रियों के निशाने पर ब्यूरोक्रेसी !
प्रदेश की राजधानी में पिछले दिनों एक बड़ा सरकारी आयोजन हुआ। कई बड़े उद्योगपतियों को बुलाकर इन्वेस्टमेंट समिट करवाई गई। इस समिट में अव्यवस्थाओं की खबरें मीडिया में छपी तो सरकार के मंत्रियों के निशाने पर ब्यूरोक्रेसी आ गई है। जिस महकमे के तहत यह आयोजन हुआ उसी महकमे के मंत्री ही अधिकारियों पर गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं। एक इंटरव्यू में मंत्री ने कहा कि समिट में जो अव्यवस्थाएं हुई उनके लिए अधिकारी जिम्मेवार हैं । अधिकारियों ने मनमानी की इसलिए अव्यवस्थाएं हुई। यहां तक कि देश के मुखिया के स्वागत के दौरान भी अधिकारियों की मनमर्जी देखने को मिली। कई बड़े मंत्री और नेता गाड़ी लेकर अंदर नहीं आ सके जबकि अफसरों की गाड़ियां अंदर तक आ गईं । उस दौरान कई मंत्रियों ने नाराजगी जताई और कई नेता नाराज होकर आयोजन स्थल से चले गए थे। अव्यवस्थाओं का आलम यह रहा कि वहां पहुंचे अतिथियों को ठीक ढंग से खाना भी नहीं मिल पाया। इसके कई वीडियो वायरल हुए हैं। अब जब सरकार के मंत्री ही ब्यूरोक्रेसी के हावी होने का आरोप लगा रहे हैं तो विपक्ष को मुद्दा मिलना स्वाभाविक है। विपक्ष पहले ही कहता आया है कि सरकार दिल्ली के इशारे पर चल रही है और कई बड़े अफसरों को पावर दे दी गई है। सब कुछ अफसरों की मर्जी से होगा तो जनता की सुनवाई कैसे होगी ? बहरहाल ब्यूरोक्रेसी के हावी होने की बात सरकार के खुद स्वीकार करने से मुखिया के एक्शन का इंतजार है।
ताबड़तोड़ कारवाई से पुलिस छवि में निखार !
पिछले दिनों जिले में नशे के तस्करों पर बड़ी कार्रवाई से पुलिस कप्तान को खूब प्रशंसा मिली। इस कार्रवाई में स्पेशल ब्रांच की भूमिका रही तो जहां कार्रवाई हुई उस क्षेत्र की चौकी के इंचार्ज और स्टाफ को सस्पेंड किया गया था। उसी दौरान पुलिस कप्तान ने कहा था कि इतनी बड़ी करवाई हो गई और ऐसी अवैध गतिविधियों की जानकारी एसएचओ को नहीं होना जांच का विषय है। एसएचओ की भूमिका की जांच भी करवाई जाएगी। उस कार्रवाई को वक्त बीत चुका है और एसएचओ के खिलाफ जांच किस स्तर तक पहुंची लोग जानने को उत्सुक हैं। हनुमानगढ़ पुलिस ने अब एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए पंजाब के 'बंबीहा गैंग' के दो फरार चल रहे अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस कप्तान द्वारा जंक्शन के खुजा में नशा तस्करों के खिलाफ चलाए गए अभियान को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी के लोग काफी खुश हैं। उन्होंने पुलिस कप्तान को दोशाला ओढ़ाकर सम्मानित भी किया है। बहरहाल... इस एरिया की खासियत है कि अच्छा कार्य करने वालों को खूब सम्मान दिया जाता है। यह एक बेहतरीन परम्परा है।