Edited By Pankaj Pande, Updated: 17 Mar, 2021 09:01 PM
राजस्थान सरकार पर एक बार फिर सियासी संकट मंडराने लगा है. पायलट खेमे से बगावत के सुर फिर से बाहर निकलने लगे हैं. पिछले साल पायलट खेमे की बगावत की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी की अब फोन टैपिंग के मामले ने बवाल खड़ा कर गहलोत सरकार को फिर से संकट में डाल...
राजस्थान सरकार पर एक बार फिर सियासी संकट मंडराने लगा है. पायलट खेमे से बगावत के सुर फिर से बाहर निकलने लगे हैं. पिछले साल पायलट खेमे की बगावत की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी की अब फोन टैपिंग के मामले ने बवाल खड़ा कर गहलोत सरकार को फिर से संकट में डाल दिया है. राजस्थान की सियासत में इन दिनों एक ही मुद्दा गूंज रहा है और वो है फोन टैपिंग. साल 2020 में सचिन पायलट और उनके समर्थक बगावत पर उतर आए थे. जिसके बाद पायलट ने सरकार पर फोन टैप करने के आरोप लगाए थे. हालांकि तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फोन टैपिंग करने से इंकार कर दिया था. लेकिन अब एक बार फिर फोन टैपिंग नाम का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है, जिसने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है.