Edited By Liza Chandel, Updated: 17 Jan, 2025 07:14 PM
ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर हाल ही में बढ़ते प्लास्टिक कचरे की समस्या को देखते हुए चित्तौड़गढ़ के बच्चों ने जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सफाई अभियान चलाया। आरवी माहेश्वरी, अद्विका माहेश्वरी, दर्श माहेश्वरी एवं रिधान माहेश्वरी ने सक्रिय भूमिका निभाते...
चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर बच्चों का स्वच्छता अभियान: प्लास्टिक कचरे के खिलाफ एक प्रेरणादायक पहल
चित्तौड़गढ़ दुर्ग, जो भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों में से एक है, हाल ही में प्लास्टिक कचरे की समस्या से जूझ रहा है। इस समस्या को देखते हुए, चित्तौड़गढ़ के बच्चों ने स्वच्छता और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक सफाई अभियान चलाया।
इस अभियान में आरवी माहेश्वरी, अद्विका माहेश्वरी, दर्श माहेश्वरी और रिधान माहेश्वरी ने सक्रिय भूमिका निभाई। शुक्रवार सुबह, इन बच्चों ने दुर्ग के विभिन्न हिस्सों में फैले प्लास्टिक और अन्य कचरे को इकट्ठा किया।
बच्चों की पहल बनी प्रेरणा
बच्चों के इस प्रयास से न केवल दुर्ग को स्वच्छ बनाने में योगदान मिला, बल्कि उन्होंने समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत किया। यह अभियान पर्यावरण संरक्षण और ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा के प्रति उनकी जागरूकता और जिम्मेदारी को दर्शाता है।
अभियान के दौरान, बच्चों ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया:
"हमारी ऐतिहासिक धरोहर हमारी पहचान हैं, इन्हें स्वच्छ और संरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है।"
स्थानीय निवासियों और पर्यटकों की सराहना
बच्चों के इस प्रयास की स्थानीय निवासियों और पर्यटकों ने भरपूर प्रशंसा की। उन्होंने इसे स्वच्छता और जागरूकता बढ़ाने के लिए अनुकरणीय पहल बताया।
ऐसे प्रयास क्यों हैं ज़रूरी?
स्वच्छता अभियान केवल कचरा साफ करने तक सीमित नहीं होते, बल्कि वे समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ाते हैं। यह पहल न केवल वर्तमान पीढ़ी को बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी धरोहरों की महत्ता समझने और उनकी रक्षा करने के लिए प्रेरित करेगी।
इस तरह की पहलें पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देती हैं और हमें यह सिखाती हैं कि हर छोटा कदम बड़े बदलाव की ओर ले जाता है।