Edited By Liza Chandel, Updated: 04 Feb, 2025 04:07 PM
राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया गया, जिसे मार्च महीने में पारित किए जाने की संभावना है। मंगलवार को भीलवाड़ा दौरे पर पहुंचीं डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने इस संकेत दिए। उन्होंने कहा कि यह विधेयक आवश्यक था और सत्र के...
मार्च में पास हो सकता है धर्मांतरण विरोधी बिल !
राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया गया, जिसे मार्च महीने में पारित किए जाने की संभावना है। मंगलवार को भीलवाड़ा दौरे पर पहुंचीं डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने इस संकेत दिए। उन्होंने कहा कि यह विधेयक आवश्यक था और सत्र के अंतिम सप्ताह में इसके पारित होने की संभावना है।
विधेयक की आवश्यकता और उद्देश्य
डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह विधेयक बहुत जरूरी था। उन्होंने कहा कि जनता ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया है। पीएम मोदी की गारंटी कामयाब होगी, क्योंकि वो जो कहते हैं, वह करके दिखाते हैं।
राजस्थान की भजनलाल सरकार की ओर से सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने विधानसभा में यह विधेयक पेश किया। इसमें धर्मांतरण रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। इस विधेयक में ‘लव जिहाद’ को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इसके तहत यदि कोई व्यक्ति बलपूर्वक, गलत बयानी, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या कपटपूर्ण तरीके से धर्मांतरण कराता है, तो उसे दंडित किया जाएगा। विशेष रूप से लव जिहाद के मामलों में इसे गंभीर अपराध माना जाएगा।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
राज्य सरकार का कहना है कि यह विधेयक जबरन धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए लाया गया है। सरकार का मानना है कि इससे लव जिहाद और धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोहों पर लगाम लगेगी।
-
गैर-जमानती अपराध: विधेयक में धर्मांतरण को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है।
-
सजा और जुर्माने का प्रावधान:
-
सामान्य मामलों में आरोपी को कम से कम 1 साल की सजा, जो 5 साल तक बढ़ाई जा सकती है, और 15,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा।
-
यदि पीड़ित नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) से संबंधित है, तो आरोपी को कम से कम 2 साल की सजा (जो 10 साल तक बढ़ाई जा सकती है) और 25,000 रुपये का जुर्माना होगा।
-
संगठित रूप से धर्मांतरण कराने वालों को 10 साल तक की सजा और 50,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
राजनीतिक परिदृश्य
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा में बहुमत वाली भाजपा सरकार इस विधेयक को मार्च के अंतिम सप्ताह में पारित करा सकती है। यदि यह विधेयक कानून बनता है, तो राजस्थान उन राज्यों में शामिल हो जाएगा जहां धर्मांतरण पर सख्त कानून लागू है।
इस विधेयक के पारित होने के बाद राज्य सरकार को उम्मीद है कि जबरन धर्मांतरण के मामलों में कमी आएगी और इससे समाज में स्थिरता बनी रहेगी।