Edited By Kailash Singh, Updated: 19 Jul, 2025 06:36 PM

कोटा में कैडर-पुनर्गठन की मांग को लेकर न्यायिक कर्मचारी एक बार फिर हड़ताल पर चले गए है। आज हड़ताल के दूसरे दिन कर्मचारियों ने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर एक दिवसीय धरना दे दिया और अपनी मांगो को लेकर जिला प्रशासन को राज्य सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा है।
कोटा में कैडर-पुनर्गठन की मांग को लेकर न्यायिक कर्मचारी एक बार फिर हड़ताल पर चले गए है। आज हड़ताल के दूसरे दिन कर्मचारियों ने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर एक दिवसीय धरना दे दिया और अपनी मांगो को लेकर जिला प्रशासन को राज्य सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा है। कर्मचारियों ने मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है। कोटा संघ के जिलाध्यक्ष नरेंद्र राय जैन ने बताया कि आज जिले के 500 न्यायिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर है। सांगोद, इटावा, दीगोद, कनवास, रामगंजमंडी में भी न्यायिक कर्मचारियों ने अदालत में काम नहीं किया। न्यायिक कर्मचारियों में मंत्रालयिक व स्टेनोग्राफर कैडर के पुनर्गठन की मांग पिछले 2 साल से लंबित है। इस बाबत हाई कोर्ट की फुल बेंच ने मई 2023 को प्रस्ताव पास करके राज्य सरकार को भिजवा दिया था। लेकिन सरकार ने 2 साल बाद भी इसे लागू नहीं किया। न्यायिक कर्मचारियों को प्रमोशन के कम मौके मिल रहे हैं।उनका आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। जबकि राज्य कर्मचारियों में इन दोनों संवर्गो का पुनर्गठन तुरंत ही कर दिया गया था। सरकार न्यायिक कर्मचारियों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है। जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाएगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।