Edited By Anil Jangid, Updated: 28 Dec, 2025 06:41 PM

कोटा। राजस्थान के कोटा में गोरक्षा के मुद्दे पर एक बार फिर बड़ा प्रदर्शन सामने आया है। इसके चलते गोरक्षकों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काफिले को कोटा-चित्तौड़गढ़ नेशनल हाईवे पर रोक दिया। यह घटना दोपहर की है, जब...
कोटा। राजस्थान के कोटा में गोरक्षा के मुद्दे पर एक बार फिर बड़ा प्रदर्शन सामने आया है। इसके चलते गोरक्षकों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काफिले को कोटा-चित्तौड़गढ़ नेशनल हाईवे पर रोक दिया। यह घटना दोपहर की है, जब वसुंधरा राजे झालावाड़ से जयपुर की ओर जा रही थीं। तभी प्रदर्शनकारियों ने लगभग 20 मिनट तक उनका काफिला रोके रखा, जिससे हाईवे पर कुछ देर के लिए ट्रैफिक बाधित हो गया और जाम जैसी स्थिति पैदा हो गई।
यह वाकया कोटा शहर के मशहूर हैंगिंग ब्रिज के पास हुआ। दरअसल, गोरक्षक और बजरंग दल के कार्यकर्ता पदयात्रा निकाल रहे थे। ऐसे में जैसे ही वसुंधरा राजे का काफिला टोल प्लाजा से गुजरा तो प्रदर्शनकारियों ने उनकी गाड़ी को घेर कर रुकवा लिया और अपनी शिकायतें उनके सामने रखीं। वसुंधरा राजे ने प्रदर्शनकारियों की बात सुनी और धैर्यपूर्वक उनकी समस्या को समझा। उन्होंने मौके पर ही जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात की और मृत गायों के निस्तारण को लेकर तत्काल प्रशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए और काफिले को जाने दिया गया।
कोटा में प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नगर निगम के ठेकेदार मृत गायों को बंदा धरमपुरा के पास एक खाली प्लॉट में खुले में फेंक देते हैं। इससे बदबू फैलती है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। साथ ही मृत गायों को सड़कों पर घसीटकर ले जाया जाता है, जिसे गोरक्षक क्रूरता और हिंदू धर्म की पवित्र भावनाओं का अपमान बता रहे हैं। गोरक्षकों ने कहा कि यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है। पहले भी उन्होंने नगर निगम और कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किए हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। उनकी मुख्य मांग है कि मृत गायों को खुले में फेंकने की बजाय धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार जमीन में दफनाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि हिंदू संस्कृति के साथ किसी भी तरह का अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे 20 दिसंबर से झालावाड़ में थीं। रविवार को उन्होंने झालावाड़ के SRG हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया और वहां चिकित्सा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके बाद वो जयपुर के लिए रवाना हुईं, तभी रास्ते में यह घटना हुई।