कोटा-बूंदी के टाइगर रिजर्व में जल्द पहुंचेंगे 7 बाघ, MP से होगी एयरलिफ्टिंग

Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 07 Aug, 2025 02:03 PM

7 tigers will soon reach kota bundi tiger reserve

कोटा । साल के आखिर तक कोटा और बूंदी के दोनों टाइगर रिजर्व को बड़ी सौगात मिलेगी। अक्टूबर से दिसम्बर के बीच 7 बाघ-बाघिनों को कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट का जाएगा।

कोटा । साल के आखिर तक कोटा और बूंदी के दोनों टाइगर रिजर्व को बड़ी सौगात मिलेगी। अक्टूबर से दिसम्बर के बीच 7 बाघ-बाघिनों को कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट का जाएगा। इन बाघों में नर और मादा दोनों शामिल हैं जिन्हें मध्यप्रदेश से हवाई मार्ग (हेलीकॉप्टर) द्वारा शिफ्ट किया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव व विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में संसद भवन स्थित कार्यालय में संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी में वन विभाग से जुड़े प्रोजेक्ट और दोनों टाइगर रिजर्व में बाघ-बाघिन शिफ्टिंग को लेकर हुई बैठक में यह निर्णय लिए गए। बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि बाघ-बाघिन की शिफ्टिंग के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पहले से जारी है। प्रे-बेस की संख्या भी बढ़ाई जा रही है, इसी क्रम में 150 चीतलों को टाइगर रिजर्व क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। बैठक में वन भूमि क्षेत्र से जुड़े विकास कार्यों को जल्द पूरा करने के लिए एनओसी प्रक्रिया में तेजी लाने को लेकर भी निर्णय हुआ।  बैठक में संयुक्त सचिव लोकसभा गौरव गोयल, वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक पवन कुमार उपाध्याय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक शिखा मेहरा आदि मौजूद रहे।  

लेपर्ड के लिए बनेंगे रेस्क्यू सेंटर
मुकुंदरा और रामगढ़ टाइगर रिजर्व में तेंदुए (लेपर्ड) के लिए विशेष रेस्क्यू सेंटर बनाए जाएंगे। इसके अनुसार, 25 से 30 तेंदुओं को चरणबद्ध तरीके से रेस्क्यू सेंटरों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक बाड़ेबंदी, मेडिकल यूनिट, निगरानी प्रणाली और प्रशिक्षित स्टाफ की व्यवस्था की जाएगी ताकि इनकी देखभाल और पुनर्वास की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

इन परियोजनाओं को लेकर हुई चर्चा 
भामाशाह मण्डी विस्तार, मण्डावरा-झोटोली सड़क,गोठड़ाकलां चम्बल उच्च स्तरीय पुल, पीपल्दा-फुसोद माताजी सम्पर्क सड़क, रोटोदा मंडावरा सड़क, ईआरसीपी केनाल, घड़ियाल सेंचुरी के 1 किमी क्षेत्र के डीनोटीफिकेशन, बून्दी को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने, गरड़दा बांध की नहरों के निर्माण, लक्ष्मीपुरा -डोरा-डाबी सड़क, बून्दी-सिलोर-नमाना-गरडदा-भोपतपुरा सड़क सहित वन विभाग से जुड़े विषयों को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई।

 

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