Edited By Kailash Singh, Updated: 15 Feb, 2025 02:48 PM

प्रदेश के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के छठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कृषि में शिक्षा को सिर्फ नौकरी तक सीमित नहीं रखकर उद्योग और रोजगार सचिन के लिए कार्य करने की बात कही है इसके साथ उन्होंने प्राकृतिक खेती और जल...
जोधपुर | प्रदेश के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के छठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कृषि में शिक्षा को सिर्फ नौकरी तक सीमित नहीं रखकर उद्योग और रोजगार सचिन के लिए कार्य करने की बात कही है इसके साथ उन्होंने प्राकृतिक खेती और जल संरक्षण की दिशा में सभी को योगदान देने की बात कही.
आज कृषि विश्व विद्यालय जोधपुर के छठवा दीक्षांत समारोह हर्षउल्लास के साथ मनाया गया. दीक्षांत समारोह मे मुख्य अतिथि के रूप मे राजयपाल हरिभाऊ बागड़े उपस्तिथ रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विश्व विधयाकय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने की वही विशिष्ठ अतिथि के रूप मे अजमेर कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ जे एस सांधू उपस्तिथ रहे.
दीक्षांत समारोह मे वर्ष 2024 के स्नातक के 211, डेयरी संकाय के 25 , कृषि संकाय के 5 वाचस्पति एवं 23 स्नाकोत्तर विद्यार्थियों को दीक्षा और उपाधि दी गयी. वही विभिन्न संकाय के स्नातक और स्नाकोत्तर के 10 विद्यार्थियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्वर्ण पदक दिए गए. इस अवसर पर श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ जे एस सांधू को डॉक्टर ऑफ़ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की गयी.
इस अवसर पर राजयपाल हरिभाऊ बागड़े के कर कमलों से जोधपुर मे सेंटर ऑफ़ एक्सेलेंस ऑन मिल्ट्स, कॉलेज ऑफ़ डेरी एंड फ़ूड टेक्नोलॉजी, पाली और जालोर के विश्व विद्यालय प्रशाशनिक और किसान हॉस्टल के भवन, नागौर के कृषि विश्व विद्यालय के बॉयज और गर्ल्स छात्रावास, जोधपुर कृषि विश्व विद्यालय मे टिश्यू कल्चर लैब का लोकार्पण किया. इस अवसर पर राजयपाल हरिभाऊ बागड़े ने Post Graduate & Ph.D. Studies Regulations, Syllabus Post Graduate & Ph.D. Programme, Course Curriculum, B.Tech. Agricultural Engineering प्रकाशनों का विमोचन किया.
इस अवसर पर राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों बधाई देते हुए कहा की कृषि हमारे जीवन का अभिन्न अंग है कृषि मे शिक्षा को सिर्फ नौकरी तक सिमित नहीं रखना चाहिए शिक्षा हासिल करने के बाद अगर नौकरी ना भी लगे तो इसे उद्योग और रोजगार की तरह करना चाहिए. कृषि का ज्ञान को सिमित ना रखे इसे ऐसे किसानो को भी दे जो शिक्षित नहीं आधुनिक खेती से आज उद्योग के साथ रोजगार सृजन का भी माध्यम है आज देश मे जनसंख्या वृद्धि के साथ उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता है. आज जीडीपी मे 18 प्रतिशत हिसेदारी कृषि की है जिसे भी बहाने की आवश्यकता है. इसलिए किसानो को मदद देने की आवश्यकता है इस करण आज केंद्र सरकार ने किसानो के हित मे जनधन और किसान सम्मान निधि की कई योजने भी बनाई है