किसानों-वैज्ञानिकों ने हमें बनाया सबसे बड़ा खाद्यान्न उत्पादक देश : शेखावत

Edited By Kailash Singh, Updated: 02 Aug, 2025 07:36 PM

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केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमारे किसानों और वैज्ञानिकों के परिश्रम के चलते भारत दुनिया के सबसे बड़े खाद्यान्न उत्पादक देशों में शामिल है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि केवल...

किसानों-वैज्ञानिकों ने हमें बनाया सबसे बड़ा खाद्यान्न उत्पादक देश : शेखावत

जोधपुर, 2 अगस्त। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमारे किसानों और वैज्ञानिकों के परिश्रम के चलते भारत दुनिया के सबसे बड़े खाद्यान्न उत्पादक देशों में शामिल है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि केवल वित्तीय सहायता नहीं, बल्कि किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का जीवंत प्रतीक है।

शनिवार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किश्त के अंतरण के अवसर पर जिला स्तरीय किसान समारोह केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) में संपन्न हुआ। समारोह में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि एक समय था, जब हमें जरूरत का खाद्यान्न आयात करना पड़ता था। छह दशक बाद हम यहां इस अनुसंधान परिसर में जब खड़े होकर चर्चा करते हैं तो हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि आज हमारे भारत के किसानों और वैज्ञानिकों के परिश्रम के चलते हमारा देश-दुनिया का सबसे बड़े खाद्यान्न उत्पादक देशों में शामिल है। मिलेट्स के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी स्थान रखता है। डेयरी, फल एवं सब्जी उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान हमारी कृषि क्षमता को रेखांकित करता है। हम हर साल 70-80 हजार करोड़ के चावल का निर्यात करते हैं।

शेखावत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें कृषि क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही हैं। उन्नत बीज, आधुनिक कृषि तकनीक और नवाचारों का विस्तार इस परिवर्तन का आधार है। यह परिवर्तन एक खाद्यान्न संकटग्रस्त देश से खाद्यान्न समृद्ध राष्ट्र बनने की प्रेरणादायक यात्रा है। जलवायु परिवर्तन और मौसमीय असंतुलन की चुनौतियों की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक इन समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं, तथापि इस दिशा में अनुसंधान की गति और तीव्र करने की आवश्यकता है। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र की जब बात करते हैं तो कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन के नाम की चर्चा जरूर होती है। स्वामीनाथन ने 1000 से ज्यादा पन्नों की रिपोर्ट दी, जिसमें उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में परिवर्तन करना है तो इसमें हॉलिस्टिकली परिवर्तन करना होगा। किसान की जमीन की गुणवत्ता से लेकर कृषि क्षेत्र के लिए उचित कृषि संसाधन, वित्तीय संसाधन मिलें। नए उन्नत बीज, भंडारण की क्षमता बढ़े, किसान को बीमा की सुविधा मिले और उसके बाद में उसे विपणन, विक्रय और प्रोसेसिंग की सुविधा भी सुदृढ़ किया जाए, लेकिन तत्कालीन सरकारों ने उस पर काम नहीं किया। शेखावत ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए काजरी द्वारा किए जा रहे अनुसंधान और नवाचार इस क्षेत्र की कृषि को सशक्त बनाने में मील का पत्थर सिद्ध हुए हैं।

स्वदेशी को दें प्राथमिकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा स्वदेशी की बात करते हैं। हम बाजार जाकर स्वदेशी सामान ही लाएं। घर को स्वदेशी सामान से से सजाएं। त्योहार पर हम सभी स्वदेशी सामान ही खरीदें। भारत इतना बड़ा बाजार है कि हम स्वदेशी सामान को खरीदना शुरू करें और प्राथमिकता दें तो मुझे लगता है कि हमें दुनिया के किसी टैरिफ से घबराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

जोधपुर जिले में 2.61 लाख किसानों को लाभ
जोधपुर जिले के 2 लाख 61 हजार 617 किसानों के बैंक खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किश्त के रूप में 52 करोड़ 32 लाख 34 हजार रुपए की राशि जमा की गई है

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