प्रदेश में इस्तगासों से दर्ज होने वाले प्रकरणों और अपराधों में लगातार गिरावट

Edited By Kailash Singh, Updated: 10 Sep, 2025 01:39 PM

continuous decline in cases and crimes registered through firs in the state

राजस्थान पुलिस की अपराधों को दर्ज करने की पारदर्शी, निष्पक्ष एवं फ्री-रजिस्ट्रेशन की नीति के चलते अपराध नियंत्रण और शिकायत निस्तारण में राजस्थान पुलिस की प्रतिबद्धता का असर नजर आने लगा है।

प्रदेश में इस्तगासों से दर्ज होने वाले प्रकरणों और अपराधों में लगातार गिरावट
जयपुर, 10 सितम्बर। राजस्थान पुलिस की अपराधों को दर्ज करने की पारदर्शी, निष्पक्ष एवं फ्री-रजिस्ट्रेशन की नीति के चलते अपराध नियंत्रण और शिकायत निस्तारण में राजस्थान पुलिस की प्रतिबद्धता का असर नजर आने लगा है। 
राजस्थान पुलिस की फ्री-रजिस्ट्रेशन नीति के कारण जहां एक ओर प्रदेश में समग्र अपराधों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, वहीं दूसरी ओर न्यायालयों  से इस्तगासों के माध्यम से दर्ज होने वाले मुकदमों की संख्या में भी  उल्लेखनीय कमी आई है।

इस्तगासों से दर्ज होने वाले प्रकरणों में 9.67 प्रतिशत  तक की कमी :

पुलिस मुख्यालय की अपराध शाखा से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सीआरपीसी 156 (3)(अब बीएनएसएस के सेक्शन 175 (3) के तहत वर्ष 2023 में प्रदेश में कुल 39,634 प्रकरण इस्तगासो से  दर्ज किए गए थे, जबकि वर्ष 2024 में यह घटकर 37,794 रह गए। इस तरह एक साल में ही पिछले वर्ष की तुलना में 1840 कम प्रकरण इस्तगासों से दर्ज हुए और यह गिरावट 4.64 प्रतिशत  रही। 
     पिछले तीन वर्षों में अगस्त माह तक के आंकड़ों पर नज़र डालें तो वर्ष 2023 में अगस्त माह तक 27,603, वर्ष 2024 में अगस्त माह तक 26,621 और वर्ष 2025 में अगस्त माह तक 24,046 प्रकरण इस्तगासों के माध्यम से दर्ज हुए।
     इस दृष्टि से 2023 से 2024 में 982 (3.56 प्रतिशत) तथा वर्ष 2024 से 2025 में 2572 (9.67प्रतिशत) कम प्रकरण  इस्तगासो के माध्यम से दर्ज हुए।

अपराधों में दो साल में 19.45 प्रतिशत की गिरावट :

प्रदेश में सिर्फ इस्तगासों में ही कमी नहीं हुई है अपितु इस अवधि में समग्र अपराधों का ग्राफ भी गिरा है। तीनों वर्षां में अगस्त माह को आधार बनाकर पिछले वर्षभर के आंकड़ों को देखें तो अगस्त 2023 तक वर्षभर में प्रदेश में कुल 1,63,470 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इसके बाद अगस्त 2024 तक यह संख्या घटकर 1,52,936 रह गई। वर्ष 2025 में अपराधों की संख्या और कम होकर 1,31,671 तक पहुँच गई। दूसरे शब्दों में वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2025 में 31,799 मुकदमे कम दर्ज हुए वहीं 2024 की तुलना में 2025 में 21,265 मुकदमे कम दर्ज हुए।
इस प्रकार वर्ष 2023 से वर्ष 2025 में अपराधों में 19.45 प्रतिशत की कमी तथा 2024 से 2025 में अपराधों में 13.90 प्रतिशत की कमी सामने आई है।

माह विशेष  के आंकड़े भी दे रहे राहत का संकेत :

माह विशेष की स्थिति पर गौर करें तो भी गिरावट का सिलसिला कायम है। अगस्त 2024 में 16,927 मुकदमे दर्ज हुए थे वहीं अगस्त 2025 में अपराधों की संख्या और घटकर 15,470 रह गई। यानी अगस्त 2024 की तुलना में अगस्त 2025 में लगभग 8.61 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

त्वरित न्याय और जनता का बढ़ा विश्वास :

इन आंकड़ों से यह साफ है कि प्रदेश में अपराध और शिकायतों के स्तर पर सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। थानों में ही शिकायत दर्ज करने  और उनके त्वरित निस्तारण की पारदर्शी प्रक्रिया से अदालतों का भार घटा है और आमजन को त्वरित न्याय की सुविधा मिली है। 
आने वाले समय में इस व्यवस्था को और मजबूत बनाकर आमजन को और अधिक राहत देने की कोशिश की जाएगी।

फ्री-रजिस्ट्रेशन से इस्तगासों में आई कमी :

फ्री-रजिस्ट्रेशन प्रणाली के अंतर्गत थानों में प्राप्त शिकायतों और प्रकरणों का प्राथमिक स्तर पर ही उचित परीक्षण एवं समाधान किया जाता है। इस कारण आमजन को अदालत जाकर शिकायत दर्ज करवाने की आवश्यकता कम हुई है। इस व्यवस्था ने पुलिस पर आमजन के विश्वास व आस्था को सुदृढ़ किया है और कानून-व्यवस्था की प्रभावशीलता बढ़ी है।

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