Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 02 Oct, 2025 08:28 PM

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन पर, संयोगवश इस वर्ष दशहरा का दिन भी था, जिस दिन रावण को जलाया जाता है कि बुराई का अंत हो।
देश के अलग अलग शहरों, बैंकॉक से इकट्ठे हुए अनेक बच्चों ने एकदम अनूठे तरीके से दशहरा मनाया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन पर, संयोगवश इस वर्ष दशहरा का दिन भी था, जिस दिन रावण को जलाया जाता है कि बुराई का अंत हो। पर HUM (हम मिलन ) में आए बहुत से बच्चों ने अहिंसा दिवस पर, कोई हिंसा रूपी क्रिया नहीं करने की ठानी। इन बच्चों ने रावण के पुतले पर, अपनी और से रावण को एक संदेश दिया। स्टिकर पर संदेश लिखे और रावण पर चेप दिए। बच्चों ने प्रयास किया कि रावण को समझाया जाए, इस बार जलाया नहीं जाए। आगे रावण को समझ आ गई तो संभव है कि वह अगले वर्ष नहीं लौटेगा।
कुछ मैसेज जो बच्चों ने लिखे
1. देख भई, दस सिर रख कर ही समझ नहीं आया कि राम राम बेस्ट है, ना कि खुद का ईगो टेस्ट
2. दूसरों की चीजें बिना किसी को पूछे नहीं लेते तो फिर तुमने सीता को क्यों उठाया
3. तुम्हारे पास दस सिर है पर कॉमन सेंस किसी एक भी नहीं मिला। अगली बार जा जनम को तो गूगल और wifi के साथ जन्म लेना
4. रावण एक सिर रखो, वरना दस सिर दिखेंगे तो तकलीफ होगी
5. तुम तो बुद्धिमान हो क्यों मार काट करते हो
6. रावण तुम आउटडेटेड ही गए हो। गफूर आज कल हिट है क्योंकि वो कूल है (मस्त है)

इस दशहरा में भाग लिया :
प्रवर नाहटा, समायरा जैन, अवनी चौपड़ा, जसमीरा, यशवर्धन बोथरा, मीरा चोपड़ा, वेदांत, अद्विक राक्यान, रुद्र, अंकिनी, मिराया, साइशा सेठिया, महक, शनाया, राजवी, समन्वी, आर्या, निकोलाई, ओवियान आयशा, नींव, अवीरा और कुल 30 बच्चों ने इसे मिलकर किया, बच्चों को प्रेरित किया मृदु जैन और स्वाति चौपड़ा ने।
