Edited By Afjal Khan, Updated: 29 Nov, 2023 01:13 PM
उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में पिछले 17 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है । ऐसे में पूरे देशभर में जश्न का माहौल है, मजदूरों के परिवरजनों की ओर से मिठाइयां बांटी जा रही है । 17 दिन बाद मजदूरों के परिजनों के मुख पर वो...
अचानक निर्माणाधीन सुरंग भूस्खलन के बाद धंस गई थी
सिलक्यारा सुरंग में कार्य के दौरान फंस गए थे 41 मजदूर
राजस्थान में भी कई बार हो चुके ऐसे कई हादसे
उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में पिछले 17 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है । ऐसे में पूरे देशभर में जश्न का माहौल है, मजदूरों के परिवरजनों की ओर से मिठाइयां बांटी जा रही है । 17 दिन बाद मजदूरों के परिजनों के मुख पर वो खुशी देखी गई जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है । दरअसल 17 दिन से पूरे देश के साथ-साथ श्रमिकों के परिवारजन इन श्रमिकों के सकुशल टनल से बाहर आने का इंतजार कर रहे थे। उनके इंतजार में पलक पावड़े बिछाए हुए थे । ऐसे में मजदूरों के टनल से बाहर आने के बाद देशभर के साथ परिवार वालों में जश्न का माहौल बना हुआ है, परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं है । बता दें कि देश के आठ राज्यों के रहने वाले इन 41 श्रमिकों के यहां जश्न का माहौल है । सबसे ज्यादा टनल के अंदर झारखंड के 15 लोग फंसे हुए थे । इसके साथ ही यूपी के 8, उत्तराखंड के 2, हिमाचल प्रदेश का एक , बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2 और ओडिशा के 5 मजदूर फंसे हुए थे ।
राजस्थान के उदयपुर, सिरोही, बूंदी और हनुमानगढ़ में हो चुके ऐसे टनल हादसे
इधर टनल से संबंधित दुर्घटनाओं की बात की जाए तो राजस्थान में भी कुछ दर्दनाक हादसे हो चुके है । आपको बता दें कि राजस्थान के उदयपुर, सिरोही, बूंदी और हनुमानगढ़ में ऐसी दुर्घटनाएं हो चुकी है । सबसे पहले उदयपुर की बात करें तो 17 अगस्त 2022 को उदयपुर के गोगुंदा-पिंडवाड़ा हाईवे पर टनल हादसा हुआ था । यहां सवारियों से भरी रोडवेज बस के आगे अचानक से चट्टान का मलबा गिर गया था । जिसके बाद बस में बैठी सवारियों के बीच हड़कंप मच गया था । बता दें कि चट्टान से टूटे पत्थर बस के दोनों टायरों के बीच फंस गए थे जिससे अचानक बस वहीं रुक गई और जाम हो गई । हालांकि राहत की बात ये रही कि इस घटना में किसी को चोट नहीं पहुंची । ये हादसा खोखरिया नाल सुरंग के पास हो गया था ।
वहीं सिरोही में भी 29 जून 2018 को एक बड़ा टनल हादसा सामने आया था । दरअसल कुछ दिनों से यहां लगातार हो रही बारिश के कारण एक टनल की मरम्मत का काम कर रहे मजदूरों के ऊपर अचानक से मलबा भरभराकर गिर पड़ा। हादसा इतना दर्दनाक था कि इसमें चार मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि कुछ मजदूर गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे । बता दें कि हादसे के पीछे टनल में मरम्म्त करने वाली कंपनी की लापरवाही का मामला सामने आया था ।
जिसके बाद जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय यातायात प्रबंधन समिति की बैठक में टनल की मरम्मत का कार्य बारिश से पहले पूरा करने की हिदायत दी गई थी, लेकिन बारिश के दौरान भी मरम्मत कार्य जारी था और ये हादसा हो गया ।
हनुमानगढ़ में भी 27 जून 2023 को एक टनल हादसा हो गया था । जानकारी के मुताबिक पानी की डिग्गी की टनल खोद रहे मजदूरों पर अचानक से मिट्टी धंस गई और कुछ मजदूर उसके नीचे दब गए थे । हादसे में 2 मजदूरों की मौके पर ही मौत हुई थी, जबकि कुछ मजदूर गंभीर घायल हुए थे। ये हादसा हनुमानगढ़ में पीलीबंगा के दौलतावाली गांव में हुआ था ।
बहरहाल राजस्थान के विभिन्न जिलों में बने टनल में एक नहीं बल्कि कई बार हादसे हो चुके हैं। कुछ हादसे निर्माण या मरम्मत कार्य के दौरान हुए तो कुछ टनल के अंदर हादसे हुए । वहीं प्रदेश की सबसे लंबी टनल में से एक जयपुर की घाट की गुणी में भी कई दर्दनाक हादसे हो चुके हैं, इनमें से कुछ में वाहन चालकों की मौत भी हो चुकी है ।
गौरतलब है कि दिवाली के दिन अचानक निर्माणाधीन सुरंग भूस्खलन के बाद धंस गई थी, जिसमें 41 मजदूर फंस गए थे, ऐसे में इस हादसे के बाद से मजदूरों को टनल से बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था । कई दिन बीत जाने के बाद आखिरकार रेस्क्यू टीम को सफलता मिल ही गई । ऐसे में अब मजदूरों के परिजनों में खुशी का माहौल है, मिठाइयां बांटकर परिजन अपनी खुशी जता रहे हैं ।
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