Edited By Kailash Singh, Updated: 26 Dec, 2024 04:21 PM
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने 11 हजार युवाओं को रोजगार देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य में 11 हजार अटल प्रेरकों की नियुक्ति करने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि राज्य में बीजेपी सरकार ने सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू...
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने 11 हजार युवाओं को रोजगार देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य में 11 हजार अटल प्रेरकों की नियुक्ति करने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि राज्य में बीजेपी सरकार ने सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई महात्मा गांधी प्रेरक योजना को बंद कर दिया था। इसके तहत नियुक्त प्रेरकों को हटाने के बाद बेरोजगार युवाओं ने लंबे समय तक आंदोलन किया था। अब नई योजना के तहत अटल प्रेरकों की नियुक्ति से युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद जगी है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर बीजेपी कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए पंचायत स्तर पर अटल प्रेरकों की नियुक्ति की घोषणा की।
ई-लाइब्रेरी पर होगा 550 करोड़ का निवेश
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की 11 हजार पंचायतों में अटल प्रेरकों के रूप में युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रत्येक पंचायत में अटल सेवा केंद्र की स्थापना की जाएगी। अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में ई-लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी, जिसके लिए 550 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घोषणा की कि अटल ज्ञान केंद्रों पर युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए लाइब्रेरी और ई-लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन केंद्रों पर प्रशिक्षण और काउंसलिंग की सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी, जिससे युवाओं को अपने करियर निर्माण में मदद मिलेगी। ठीक एक साल पहले, भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार द्वारा शुरू की गई महात्मा गांधी सेवा प्रेरक भर्ती, जिसमें 50 हजार पदों पर नियुक्ति की जानी थी, को रद्द कर दिया था। अब चर्चा है कि सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत में पहले से संचालित राजीव गांधी सेवा केंद्रों का नाम बदलकर अटल ज्ञान केंद्र कर सकती है। गौरतलब है कि इससे पहले बीजेपी सरकार ने पंचायतों में स्थापित राजीव गांधी सेवा केंद्रों का नाम बदलकर अटल सेवा केंद्र कर दिया था, जिसे कांग्रेस सरकार ने वापस सत्ता में आते ही फिर से राजीव सेवा केंद्र नाम दे दिया था।