Edited By Anil Jangid, Updated: 30 Oct, 2025 04:05 PM

राजस्थान के बारां जिले के अंता विधानसभा उपचुनाव से पहले पाड़लिया गांव में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। गांव के लोग ने चुनाव में हिस्सा न लेने का ऐलान करते हुए मतदान का पूर्ण बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों...
जयपुर। राजस्थान के बारां जिले के अंता विधानसभा उपचुनाव से पहले पाड़लिया गांव में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। गांव के लोग ने चुनाव में हिस्सा न लेने का ऐलान करते हुए मतदान का पूर्ण बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने वर्षों से उनकी मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी की है, जिसके चलते अब वे चुनावी प्रक्रिया से दूर रहेंगे।
गांव के ग्रामीणों ने मांगरोल उपजिला अधिकारी को एक प्रार्थना पत्र सौंपते हुए अपनी लंबित मांगों का समाधान नहीं होने तक मतदान में हिस्सा न लेने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि चुनावी मौसम में नेता आकर झूठे वादे करते हैं, लेकिन जमीन पर कभी कोई सुधार नहीं होता। इस बार वे यह वादा नहीं करने देंगे।
पाड़लिया गांव, जो पंचायत मुख्यालय से जुड़ा हुआ है, यहां लगभग 1800 लोग निवास करते हैं, जिनमें से 800 से ज्यादा लोग मतदाता हैं। यह गांव उपचुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकता था, लेकिन यहां की नाराजगी के चलते मतदान का बहिष्कार किया जा सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि खेतों तक जाने के लिए कोई पक्का रास्ता नहीं है, जिससे किसानों को रोजाना भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इसके अलावा, सबसे गंभीर मुद्दा श्मशान घाट तक जाने के रास्ते का है। मृतकों के परिजनों को अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट तक पहुंचने में कठिनाई होती है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उन्हें एक सामुदायिक भवन की जरूरत है, जहां सामाजिक आयोजन किए जा सकें। साथ ही स्कूल के सामने पड़े बड़े गड्ढे में बारिश का पानी भर जाता है, जिससे बच्चों के स्कूल आने-जाने में खतरा रहता है।
ये समस्याएं कोई नई नहीं हैं। पाड़लिया गांव के लोग लंबे समय से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से समाधान की मांग कर रहे हैं। चुनावी रैलियों में नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं होता। एक ग्रामीण ने बताया, "हर चुनाव में नेता आते हैं, फोटो खिंचवाते हैं और वादे करते हैं, लेकिन कुछ भी नहीं होता। अब हम थक चुके हैं। इस बार वोट नहीं डालेंगे।"
ग्रामीणों ने उपजिला अधिकारी को सौंपे गए पत्र में विस्तार से अपनी सभी मांगों को रखा है। इनमें सड़क निर्माण, श्मशान घाट तक मार्ग, सामुदायिक भवन, स्कूल के गड्ढे की सफाई और भराई जैसे मुद्दे शामिल हैं। यदि इन मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो गांव के सभी 800 से ज्यादा मतदाता उपचुनाव से दूर रहेंगे।
अभी तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार उपजिला अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं और ग्रामीणों से संवाद स्थापित करने की कोशिश की जा रही है।