Edited By Kailash Singh, Updated: 23 Aug, 2025 07:04 PM

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई "विवाद से विश्वास योजना" का द्वितीय चरण करदाताओं को बड़ी राहत प्रदान कर रहा है। यह योजना मुख्य रूप से आयकर दाताओं के लंबित विवादों के समाधान के उद्देश्य से...
जयपुर, 23 अगस्त 2025। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई "विवाद से विश्वास योजना" का द्वितीय चरण करदाताओं को बड़ी राहत प्रदान कर रहा है। यह योजना मुख्य रूप से आयकर दाताओं के लंबित विवादों के समाधान के उद्देश्य से शुरू की गई है, जिससे करदाताओं को एक निर्धारित राशि का भुगतान कर अपने विवादों का त्वरित और न्यायपूर्ण निपटारा करने का अवसर मिल रहा है। राठौड़ ने बताया कि विवाद से विश्वास योजना—2 को 1 अक्टूबर, 2024 से लागू किया गया है। इसके अंतर्गत अब तक 1249 आवेदन/दावे प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 336 मामलों का समाधान सफलतापूर्वक किया जा चुका है। इस योजना का मुख्य फोकस सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) और रेल मंत्रालय की गैर-जेम संविदाओं के अंतर्गत उत्पन्न विवादों के निपटान पर है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस योजना के तहत निपटाए गए विवादित मामलों की कुल राशि 5557 करोड़ रही है, जिसमें से अब तक 4138 करोड़ का समाधान किया जा चुका है। इसी प्रकार आईआरईपीएस और एमओआर पोर्टल के माध्यम से 553.64 करोड़ की विवादित राशि और 727.08 करोड़ के दावों का भी सफल निपटारा हुआ है। राठौड़ ने कहा कि यह उपलब्धि केंद्र सरकार की विवाद निपटान के प्रति गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। योजना पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों पर आधारित है, जिससे व्यापारियों और उद्यमियों को राहत मिली है और राजस्व प्रक्रिया भी अधिक सरल हुई है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि इस प्रकार की योजनाएं न केवल सरकार की नीतिगत स्पष्टता को दर्शाती हैं, बल्कि करदाताओं को यह विश्वास भी देती हैं कि सरकार उनके हितों के प्रति संवेदनशील है और उनके विवादों का समाधान शीघ्रता से करने के लिए प्रतिबद्ध है। विवाद से विश्वास योजना को वित्त मंत्रालय द्वारा पुनः प्रारंभ किया गया है। इसका उद्देश्य लंबित प्रत्यक्ष कर विवादों को समाप्त करना है और कर, जुर्माना, ब्याज एवं शुल्क से संबंधित मुद्दों के त्वरित समाधान हेतु एक सरल और व्यावहारिक ढांचा प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से सरकार मुकदमेबाजी की प्रक्रिया को कम कर करदाताओं का समय और संसाधन बचा रही है। इससे सरकार और नागरिकों के बीच विश्वास की भावना को बल मिलता है।