Edited By Kailash Singh, Updated: 23 Feb, 2025 01:00 PM
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प्रदेश की सरकार सत्ता वाली पार्टी के नेताओं को होली के बाद ओहदे बांटने का काम शुरू कर सकती है। इसके लिए दिल्ली में होमवर्क शुरू हो गया है। प्रदेश में सरकार गठन को सवा साल से ऊपर हो गया है।
हनुमानगढ़, 23 फरवरी 2025 । (बालकृष्ण थरेजा): प्रदेश की सरकार सत्ता वाली पार्टी के नेताओं को होली के बाद ओहदे बांटने का काम शुरू कर सकती है। इसके लिए दिल्ली में होमवर्क शुरू हो गया है। प्रदेश में सरकार गठन को सवा साल से ऊपर हो गया है। कुछ महत्वपूर्ण पदों को छोड़कर अभी सरकारी पद बांटे नहीं गए हैं। इसकी एक वजह आलाकमान की विभिन्न चुनावों में व्यस्तता रही है। अब देश की राजधानी में चुनाव निपट गए हैं और होली के आसपास संगठन चुनाव प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। होली के आसपास पार्टी को नया चीफ मिल जाएगा। अब चर्चा है कि दिल्ली पार्टी नेताओं को ओहदे बांट सकती है। मंत्री के दर्जे बांटने के लिए सूचियों का संकलन शुरू हो गया है। अब दिल्ली में इनकी स्क्रूटनी होनी है। वैसे सरकार के मुखिया का भी पूरा रोल रहने वाला है। पार्टी के लिए मेहनत करने वाले और अन्य पार्टियां छोड़कर आए नेता भी पदों की दौड़ में हैं। कुछ दावेदार अब लॉबिंग में जुट गए हैं। इन नेताओं की लॉबिंग प्रदेश की राजधानी से देश की राजधानी तक शुरू हो चुकी है। होली के रंगों के साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा खुलने वाला है।
शुरुआत नेता विपक्ष ने की तो नंबर बना गए पार्टी प्रधान!
विधानसभा के बजट सत्र में चर्चा के दौरान एक मंत्री द्वारा विपक्ष वाली पार्टी की पूर्व प्रधानमंत्री आयरन लेडी के लिए दादी शब्द का इस्तेमाल करने के मसले को विपक्ष वाली पार्टी दिल पर ले गई है। मंत्री के इतना बोलते ही सदन में नेता विपक्ष ने जोरदार आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कड़क आवाज में मंत्री को उलाहना दिया और मुद्दों पर बात करने की नसीहत दी। इसी बीच विधायक के तौर पर वहां मौजूद विपक्ष वाली पार्टी के प्रदेश प्रधान ने मौके पर चौका मार दिया। पार्टी प्रधान विधायकों के साथ सदन की वैल में आ गये और स्पीकर की तरफ इशारा करने लगे। स्पीकर ने तुरंत कारवाई स्थगित कर दी और पार्टी प्रधान समेत 6 विधायकों को सत्ता वाली पार्टी के प्रस्ताव पर सत्र की बाकी अवधि के लिए निलंबित कर दिया। अब निलंबन के खिलाफ विपक्ष वाली पार्टी के विधायक तीन दिनों से विधानसभा में ही धरना दे रहे हैं। रामधुनी गाकर विरोध जता रहे हैं। यहां तक कि निलंबित विधायक सदन से बाहर नहीं जा रहे हैं क्योंकि उन्हें वापस सदन में आने में निलंबन के कारण कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। राजधानी के पड़ौस में जिला निरस्त करने को लेकर हुई सभा को भी पार्टी प्रधान ने मोबाइल से ही संबोधित किया। चर्चा है कि पार्टी प्रधान ने दिल्ली दरबार में यह मैसेज देने की कोशिश की है कि वह पार्टी के सबसे बड़े परिवार के प्रति वफादार हैं । इन दिनों पार्टी में संगठन बदलाव की प्रक्रिया चल रही है और हो सकता है कि प्रदेश की कमान भी किसी दूसरे को सौंप दी जाए लेकिन ताजा मामले के बाद पार्टी प्रधान अब दिल्ली के दिल में जगह बनाने में कामयाब होते दिख रहे हैं।
'नो गुट' से पूर्व मुखिया का सियासी मैसेज
सत्ता वाली पार्टी में संगठन की चुनाव प्रक्रिया प्रदेश में पूरी हो गई है। मौजूदा प्रदेश प्रधान को निर्वाचन प्रक्रिया से फिर से कुर्सी दे दी गई है। प्रदेश प्रधान की औपचारिक चुनाव प्रक्रिया के दौरान सत्ता वाली पार्टी से सरकार की पूर्व मुखिया मौजूद रहीं और उनका अंदाज बड़े दिल वाला रहा। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि 'नो गुट- वन टीम'। पूर्व मुखिया के इस बयान के भी सियासी हलकों में मायने निकाले जा रहे हैं। पूर्व मुखिया ने बड़ा दिल दिखाकर यह मैसेज देने की कोशिश की है कि वह पार्टी में फैसलों के साथ हैं । दरअसल पूर्व मुखिया पिछले कई दिनों से सक्रिय हैं और प्रदेश के दौरे कर रही हैं। एक धार्मिक स्थल की यात्रा के दौरान उन्होंने यहां तक कह दिया कि कोई भी अच्छे काम की शुरुआत के लिए वह यहां दर्शन करने आती हैं । अब उन्हें कौन सा अच्छा काम मिलने वाला है यह अब तक सामने नहीं आया है। पार्टी में प्रदेशों की चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद पार्टी के सबसे बड़े मुखिया का चुनाव होना है। पूर्व मुखिया भी पार्टी चीफ की दौड़ में हैं लेकिन देश के मुखिया की टीम उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपेगी इसमें इस बारे में पुख्ता नहीं कहा जा सकता। अब प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया में एकजुटता दिखाकर पूर्व मुखिया ने पार्टी के सामने अपनी शानदार उपस्थित दिखा दी है और हो सकता है पार्टी कुछ दिनों में उनके लिए नई भूमिका भी तलाश ले। पूर्व मुखिया को नई भूमिका का प्रदेश की सियासत को भी लंबे वक्त से इंतजार है।