संगठन मुखिया को प्रदेश के पूर्व मुखिया का प्रोटेक्शन !

Edited By Kailash Singh, Updated: 02 Mar, 2025 02:30 PM

organization head gets protection from former state head

विधानसभा में विपक्ष वाली पार्टी की दिवंगत नेता और पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ सरकार के एक मंत्री की टिप्पणी से मचे बवाल के बाद गतिरोध बढ़ता ही गया। एक बार यह गतिरोध खत्म हुआ लेकिन विपक्षी पार्टी के संगठन मुखिया के बर्ताव से मामला और बिगड़ गया।

हनुमानगढ़, 2 मार्च (बालकृष्ण थरेजा): विधानसभा में विपक्ष वाली पार्टी की दिवंगत नेता और पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ सरकार के एक मंत्री की टिप्पणी से मचे बवाल के बाद गतिरोध बढ़ता ही गया। एक बार यह गतिरोध खत्म हुआ लेकिन विपक्षी पार्टी के संगठन मुखिया के बर्ताव से मामला और बिगड़ गया। इस घटना के बाद विपक्षी विधायकों का निलंबन तो टला ही स्पीकर और सरकार भी सख्त मोड में आ गए। विपक्ष वाली पार्टी ने विधानसभा में धरना दिया और सड़क पर समानांतर विधानसभा चलाई। विपक्षी विधायकों के धरने में पार्टी के युवा नेता पहुंचे। उस दिन सरकार के पूर्व मुखिया कहीं दौरे पर थे। अगले दिन पूर्व मुखिया धरने पर आए और सरकार को घेरा। उसके बाद हुए धरने में भी पूर्व मुखिया पहुंचे और अपनी पार्टी के नेताओं से बात की। पूर्व मुखिया के दखल के बाद सरकार हरकत में आई और बीच का रास्ता निकाला। नेता प्रतिपक्ष और सरकार के मुखिया के बीच हुई बात के बाद मामला निपट गया। विपक्ष वाली पार्टी के संगठन मुखिया सहित निलंबित सभी विधायकों को बहाल कर दिया गया। इस मामले की अंदरूनी वजह तलाशी जा रही है। दरअसल विपक्ष वाली पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी का प्रदेश प्रधान बदलने की मांग करने वाला धड़ा इस मामले में प्रदेश प्रधान की छवि खराब करने की कोशिश में लगा था। इस बात की भनक लगते ही सरकार के पूर्व मुखिया ने पार्टी प्रदेश प्रधान को प्रोटेक्शन दिया। उन्होंने अपने बयानों में प्रदेश प्रधान का बचाव किया और उन्हें सही ठहराया। कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रदेश प्रधान पार्टी के सबसे बड़े परिवार से आने वाली दिवंगत नेता के खिलाफ हुई टिप्पणी का मामला उठाकर सबसे बड़े परिवार की नजर में नंबर बना गए हैं। पार्टी के धरने में सरकार के पूर्व मुखिया और युवा नेता के एक साथ शामिल होने से एकजुटता का संदेश भी गया है। अब तय है कि विपक्ष वाली पार्टी के संगठन मुखिया को लंबा एक्सटेंशन मिलने वाला है।

शादी में नारे बनाएंगे कुर्सी की राह!
विपक्ष वाली पार्टी के युवा नेता का प्रदेश में जहां दौरा होता है वहां उन्हें अगली बार सरकार के मुखिया की कुर्सी सौंपने की मांग उठ जाती है। जिले में भी एक शादी समारोह में पहुंचे युवा नेता के समर्थन में उन्हें सीएम बनाने के नारे लगे। कांग्रेस के युवा नेता जिले के युवा विधायक की शादी समारोह में भाग लेने पहुंचे थे।युवा विधायक के शादी समारोह में क्षेत्र से सैंकड़ों कार्यकर्ता उमड़े । बाहर से भी कई युवा कार्यकर्ता समारोह में शामिल हुए। युवा विधायक युवा नेता के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। शादी समारोह में पहुंचे युवा नेता के स्वागत के दौरान बाहर से आए पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं ने युवा नेता को सीएम बनाने के नारे लगाए। इन नारों का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। युवा नेता के स्वागत के दौरान लगे ऐसे नारों से जिले में भी सियासत का रुख रोचक होता जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि शादी समारोह में भी युवा नेता के स्वागत का यह जोश और उन्हें सीएम बनाने की मांग रोचक मोड़ लेने वाली है।

बाबा के बिगड़े बोल समझ से बाहर !
सूबे की सरकार में मंत्री बाबा एक बार फिर असंतुष्ट हैं। पहले फोन टेप होने का सार्वजनिक रूप से दावा करने वाले बाबा ने पार्टी के नोटिस के बाद गलती मान ली थी। इसके बाद मामला ठीक होता लग रहा था। अब फिर बाबा कह रहे हैं कि उनके फोन टेप होने का सिलसिला जारी है। सरकार में उनकी सुनी ही नहीं जा रही। उनके पास पावर नहीं है महकमे के अधिकारी लगाने -हटाने का काम उनके हाथ में नहीं है इसलिए वह जनता का भला नहीं कर सकते। उन्होंने थानेदारों की भर्ती रद्द करने की मांग की थी लेकिन सरकार टालमटोल कर रही है। उन्होंने पहले सरकारी गाड़ी छोडी और अब सरकारी बंगला भी छोड़ दिया है। जाहिर है वह मंत्री के तौर पर अब काम करने वाले नहीं हैं । सत्ता वाली पार्टी प्रदेश की राजधानी से लेकर देश की राजधानी तक बाबा को मनाने का फार्मूला खोज रही है। बहरहाल बाबा  असंतुष्ट हैं।

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