Edited By Kailash Singh, Updated: 15 Jun, 2025 12:39 PM

विपक्ष वाली पार्टी में पिछले हफ्ते प्रदेश के पूर्व मुखिया और युवा नेता ने एक मंच पर आकर प्रदेश की राजनीति को नई हवा दे दी। दरअसल युवा नेता के पिता की पुण्यतिथि पर हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में युवा नेता के बुलावे पर पूर्व मुखिया भी अपने समर्थकों के...
हनुमानगढ़, 15 जून 2025 (बालकृष्ण थरेजा) : विपक्ष वाली पार्टी में पिछले हफ्ते प्रदेश के पूर्व मुखिया और युवा नेता ने एक मंच पर आकर प्रदेश की राजनीति को नई हवा दे दी। दरअसल युवा नेता के पिता की पुण्यतिथि पर हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में युवा नेता के बुलावे पर पूर्व मुखिया भी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। दोनों की गलबहियां देखकर पार्टी कार्यकर्ता खुश हो गये। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब चर्चित हो रही हैं । इस कार्यक्रम के अगले दिन ही पूर्व मुखिया ने मेवाड़ में कार्यकर्ताओं से मुलाकात का तीन दिन का कार्यक्रम बना लिया। हालांकि गुजरात में विमान हादसे के कारण वह कार्यक्रम एक ही दिन हो सका। पूर्व मुखिया ने अपने एक दिन के दौरे में पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों से मुलाकात की। सड़कों पर चलते लोगों से मुलाकात कर पूर्व मुखिया ने अपनी छाप छोड़ी है। लोग भी उनके कार्यकाल की चर्चा कर रहे हैं। अब राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पूर्व मुखिया ने चुनाव से काफी पहले प्रदेश में दौरे करने का प्रोग्राम बनाकर नब्ज टटोलने का काम शुरू किया है। पार्टी कार्यकर्ता भी उत्साह के साथ उनका स्वागत कर रहे हैं। आम लोग उनकी योजनाओं को याद कर रहे हैं इसलिए यह कहा जा सकता है कि कुछ समय बाद पूर्व मुखिया एक बार फिर चर्चा में आ जाएंगे। बिना पद के उनकी लोकप्रियता प्रदेश में खूब है और आने वाले दिनों में उनके दौरों से माहौल बदलेगा। यह सब कुछ अगले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। दिल्ली को मैसेज समय रहते हुआ तो पूर्व मुखिया के लिए राह आसान हो सकती है।
अब किसकी खुलेगी लॉटरी ?
प्रदेश में भर्ती वाले सबसे बड़े बोर्ड में आखिरकार चेयरमैन की नियुक्ति हो गई है। बोर्ड के चेयरमैन पद पर पुलिस बेड़े के मौजूदा मुखिया को भेजा गया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि देश के मुखिया के प्रदेश के दौरे के बाद पुलिस मुखिया को भर्ती वाले बोर्ड में भेजने का फैसला हुआ था। पुलिस मुखिया देश के मुखिया की पसंद बताए जा रहे हैं। अब पुलिस बेड़े के मुखिया का पद खाली हो गया है। कार्यवाहक के तौर पर नंबर दो वाले अफसर को जिम्मा दिया गया है। उनका रिटायरमेंट इसी महीने है। अब स्थायी रूप से पुलिस मुखिया की नियुक्ति होनी है। आधा दर्जन से अधिक अफसरों के नाम दिल्ली भेजे गए हैं। पैनल में शॉर्टलिस्ट होने वाले तीन अफसरों में से एक को पुलिस बेड़े की कमान दी जानी है। इस नियुक्ति में दिल्ली का दखल भी पूरा रहने वाला है। प्रदेश के मुखिया की पसंद के साथ ही दिल्ली में अच्छा फीडबैक होना पुलिस की कमान मिलने के लिए जरूरी है। इस हफ्ते के आखिर तक दिल्ली से पैनल प्रदेश की सरकार के पास आने की उम्मीद है। उसके बाद प्रदेश के मुखिया दिल्ली से राय लेकर नए मुखिया की नियुक्ति करेंगे। फिलहाल शॉर्टलिस्ट हुए सभी अफसरों को नंबर आने की उम्मीद है लेकिन नंबर की मेरिट दिल्ली से तय होने वाली है। जब तक फाइनल घोषणा नहीं होती तब तक कयासों का बाजार गर्म है।
बाबा को जनसमर्थन तो मिला मगर पार्टी अब भी मौन!
प्रदेश में किसी भी वर्ग के मसले को सरकार में रहते हुए उठाने का रिकॉर्ड बना चुके बाबा के नाम से मशहूर सरकार के एक काबिना मंत्री इन दिनों फिर सुर्खियों में हैं । नकली खाद बीज बेचने वालों पर सीधी कार्रवाई कर बाबा चर्चा में आए हुए हैं। उन्होंने प्रदेश के कई जिलों में खुद पहुंचकर अमानक खाद बीज बेचने वालों को पकड़ा और कार्रवाई कर डाली। इस कार्रवाई से अवैध कारोबार में लिप्त लोगों में हड़कंप मच गया। कई जगह मंत्री की कार्रवाई का विरोध हुआ। ऐसे अवैध कारोबार करने वालों से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। कारोबारियों ने अपने संपर्कों से बाबा पर दबाव बनाने की कोशिश की तो आम लोग बाबा के समर्थन में आ गए । कई जगह प्रबुद्ध लोगों ने बाबा के समर्थन में ज्ञापन देकर कार्रवाई को उचित ठहराया। दिलचस्प बात यह रही कि इतनी जनहितैषी कार्रवाई के बाद भी बाबा को अपनी सरकार और पार्टी से समर्थन नहीं मिला। पार्टी कहीं भी बाबा के साथ खड़ी नजर नहीं आई। हाल ही में आरएएस मुख्य परीक्षा को आगे खिसकाने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों से भी बाबा ने मुलाकात की और उनकी मांग को सरकार के सामने रखा। हालांकि अभी तक सरकार ने इस पर फैसला नहीं लिया है। आमजन से जुड़े मुद्दों पर अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े होने वाले बाबा अब प्रदेश में छाप छोड़ने लगे हैं।