Edited By Kailash Singh, Updated: 06 Apr, 2025 01:12 PM

विपक्ष वाली पार्टी में प्रदेश के पूर्व मुखिया की सियासत को समझना आसान नहीं है। पूर्व मुखिया करते कुछ हैं और उसका मतलब कुछ और ही निकलता है। हाल ही में प्रदेश की राजधानी में पार्टी की यूथ विंग ने युवाओं के लिए रोजगार मेला लगाया। इस मेले को सरकार की...
उद्घाटन का फीता काटकर क्या निशाना साध गए पूर्व मुखिया ?
हनुमानगढ़, 6 अप्रैल 2025 । ( बालकृष्ण थरेजा) : विपक्ष वाली पार्टी में प्रदेश के पूर्व मुखिया की सियासत को समझना आसान नहीं है। पूर्व मुखिया करते कुछ हैं और उसका मतलब कुछ और ही निकलता है। हाल ही में प्रदेश की राजधानी में पार्टी की यूथ विंग ने युवाओं के लिए रोजगार मेला लगाया। इस मेले को सरकार की नाकामी से जोड़कर देखा जा रहा था। यूथ विंग के प्रधान पार्टी में युवा नेता के धड़े से हैं। यूथ विंग के प्रधान मौजूदा विधायक हैं और युवा नेता के कोटे से ही टिकट लेकर आए थे। यूथ विंग के प्रधान युवा नेता के इतने कट्टर समर्थक हैं कि वह अपने पोस्टर में पूर्व मुखिया के फोटो तक नहीं लगाते लेकिन रोजगार मेले के उद्घाटन पर पूर्व मुखिया ने पहुंचकर नई राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दे दिया। यूथ विंग में भी दो धड़े बने हुए हैं। एक धड़ा मौजूदा प्रधान के खिलाफ वाला है। इसकी कमान कार्यकारी अध्यक्ष संभाल रहे हैं। दूसरे धड़े ने रोजगार मेले से पहले पूर्व मुखिया को निमंत्रण दे दिया। पूर्व मुखिया मौका न चूकते हुए उद्घाटन करने पहुंच गए। इसमें यूथ बैंक के राष्ट्रीय प्रधान और प्रभारी भी पहुंचे थे। कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय प्रधान पूर्व मुखिया की पसंद के हैं इसलिए पूर्व मुखिया को बुलाया गया। अब यूथ विंग के प्रधान के सामने संकट खड़ा हो गया। वैसे युवा नेताओं ने मामले को संभाल लिया। पूर्व मुखिया के अगवानी से लेकर पूरे कार्यक्रम की देखरेख यूथ विंग के दूसरे धड़े ने संभाली। यहां तक कि यूथ विंग के प्रधान मौजूदा ने सोशल मीडिया पर उद्घाटन की पोस्ट ही नहीं डाली और रोजगार मेले की तस्वीरों में पूर्व मुखिया नजर नहीं आए। पूर्व मुखिया की पोस्ट में जरूर यूथ विंग के प्रधान नजर आ रहे हैं। पूर्व मुखिया की इस सियासी ट्रिक ने प्रदेश की सियासत को रोचक बना दिया है। अगले ही दिन युवा नेता यूथ विंग के प्रधान को अपने साथ दौरे पर लेकर निकले और उनकी खूब तारीफ की। पूर्व मुखिया के इस कदम को यूथ विंग में आने वाले दिनों होने वाली हलचल से जोड़कर देखा जा रहा है।
पावर देने से पहले फार्मूले की तैयारी ?
विपक्ष वाली पार्टी अब जिला प्रधानों को मजबूत करने की कवायद कर रही है। इसके लिए दिल्ली में जिला प्रधानों को मीटिंग के लिए बुलाया गया। प्रदेश से गए जिला प्रधानों की भी दिल्ली में मीटिंग हुई। इसमें एक जिला प्रधान ने आलाकमान के सामने सच्चाई बयां कर दी। जिला प्रधान के बयान की खूब चर्चा हो रही है। इस जिला प्रधान ने कहा कि पार्टी में चापलूसों की कद्र है और मेहनत करने वालों को मौका नहीं मिलता। यहां तक कि छोटे स्तर पर भी नियुक्ति विधायकों की मर्जी से होती है। पार्टी आलाकमान ने उनसे इसका तोड़ पूछा तो उन्होंने कहा कि इसके लिए एक प्रक्रिया निर्धारित होनी चाहिए। अब पार्टी चाह रही है कि जिलों में संगठन मजबूत हो और जिला प्रधानों की पूछ हो। इसके लिए प्रक्रिया से ही नियुक्तियां करने का विचार है और परफॉर्मेंस मेजरमेंट पर भी जोर दिया जा सकता है। इस बीच खबर आ रही है कि पार्टी कुछ जिला प्रधानों को बदल सकती है। पार्टी ने संगठन के लिहाज से नए जिलों को मंजूरी दी है और कुछ पुराने जिला प्रधानों को बदला जा सकता है। दो-तीन महीनों बाद संगठन में बदलाव देखने को मिलेगा इसके बाद ही दिल्ली से पावर मिलने पर मुहर लगने की उम्मीद है।
पब्लिक डिमांड पर पोस्टिंग !
जिला मुख्यालय पर यातायात प्रबंधन का जिम्मा संभालने वाले एक थानेदार प्रमोशन के बाद एक बार फिर इसी सीट पर आ गए हैं। पुलिस कप्तान ने पब्लिक की डिमांड पर उन्हें फिर से यातायात प्रबंधन का जिम्मा दिया है। थानेदार तीन स्टार लगने के बाद जिले में आए हैं और उन्हें पुरानी जिम्मेदारी दी गई है। जिला मुख्यालय के दोनों शहरों में यह थानेदार इससे पहले अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा चुके हैं। उनके तबादले के बाद से खाकी को जिम्मेदार अफसर नहीं मिल रहे थे। इससे शहर में यातायात व्यवस्था का बुरा हाल देखने को मिल रहा था। इसके अलावा सड़कों के निर्माण आदि के चलते जाम लगने की स्थितियां देखने को मिली। प्रमोशन के बाद पुराने थानेदार का जिले में तबादला हुआ तो पब्लिक ने भी उन्हें पुरानी जिम्मेदारी देने की मांग की। थानेदार भी खुशी-खुशी यह जिम्मेदारी लेने को तैयार हो गए। अब पुलिस कप्तान ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। बहरहाल उनकी जॉइनिंग के बाद जिला मुख्यालय का यातायात प्रबंधन सुधरने की उम्मीद है।