Edited By Kailash Singh, Updated: 06 Jan, 2025 04:41 PM
कोरोना के बाद एक बार फिर से चीनी वायरस ने पूरी दुनिया को दहशत में ला दिया है। चीन में तेजी से फेल रहे कोरोना जैसे वायरस HMPV ने दुनिया के साथ ही भारत में एक बार फिर से दहशत पैदा कर दी है। कर्नाटक के बाद HMPV वायरस की राजस्थान के आदिवासी जिले...
कोरोना के बाद एक बार फिर से चीनी वायरस ने पूरी दुनिया को दहशत में ला दिया है। चीन में तेजी से फेल रहे कोरोना जैसे वायरस HMPV ने दुनिया के साथ ही भारत में एक बार फिर से दहशत पैदा कर दी है। कर्नाटक के बाद HMPV वायरस की राजस्थान के आदिवासी जिले डूंगरपुर के दो महीने के बच्चे में पुष्टि हुई है। वायरस से ग्रसित बच्चा दो सप्ताह से अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती है। फिलहाल बच्चा अभी स्वस्थ बताया जा रहा है। इस मामलें की पुष्टि होने के बाद यह देश में तीसरा केस है। गौरतलब है कि इससे पहले कर्नाटक में 3 महीने की बच्ची और 8 महीने के बच्चे में यही वायरस मिला था। बच्चे को सर्दी और तेज बुखार था। जिसके बाद परिजन बच्चे को गुजरात के मोडासा लेकर गए, जहां बच्चे को आराम नहीं मिलने पर उसे अहमदाबाद के ऑरेंज हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। चिकित्सकों ने शुरुआत में उसे पांच दिनों तक वेंटिलेटर पर भी रखा गया था। इसके बाद हुई कई जांचों में बच्चे के वायरस से संक्रमित होने की बात सामने आई। जानकारी के मुताबिक प्री मैच्योर डिलीवरी की वजह से बच्चे के फेफड़ों में इंजेक्शन भी लगाया गया था, लेकिन अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। डॉक्टर ने बताया कि इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। सीएमएचओ डॉ अलंकार गुप्ता के मुताबिक वायरस से संक्रमित बच्चा रीछा गांव का रहने वाला हैं। गुप्ता के मुताबिक एहतियात के तौर पर गांव में एक मेडिकल टीम को भेजा है, जो घर-घर जाकर सर्वे कर रही है। चिकित्सकों के मुताबिक HMPV वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। भारत में इस वायरस के मामले सामने आने के बाद सरकार ने कहा था कि सरकार इनसे निपटने के लिए तैयार है और देश सांस से जुड़ी बीमारियों के मामलों में किसी भी बढ़त से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। सरकार ने कहा कि भारत में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और IDSP के जरिए इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और इन्फ्लूएंजा के लिए गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के लिए मजबूत निगरानी सिस्टम मौजूद है। हालांकि यह भी कहा गया कि एहतियात के तौर पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद , HMPV की टेस्टिंग करने वाली लैब की संख्या बढ़ाएगा। साथ ही पूरे साल HMPV के मामलों पर नजर रखेगा।