Edited By Afjal Khan, Updated: 27 Sep, 2023 04:16 PM
हिंदू धर्म में व्यक्ति के मृत्यु के पश्चात उसे पितृ की संज्ञा दी जाती है. मान्यता अनुसार मृतक का श्राद्ध या तर्पण न करने से पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती है, जिससे घर में पितृ दोष लगता है और घर पर कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं
हिंदू धर्म में व्यक्ति के मृत्यु के पश्चात उसे पितृ की संज्ञा दी जाती है. मान्यता अनुसार मृतक का श्राद्ध या तर्पण न करने से पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती है, जिससे घर में पितृ दोष लगता है और घर पर कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं. वहीं जिनके घर के पितृ प्रसन्न रहते हैं उनके घर कभी कोई मुसीबत नहीं आती है. ऐसे में पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए आश्विन माह में 15 दिन का पितृ पक्ष समर्पित होता है, इस बीच पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध किया जाता है. क्या है श्राद्ध करने की तिथि?
श्राद्ध पक्ष 2023 :- अपराह्न काल में ही श्राद्ध करे (दोपहर 01:38 से दोपहर 04:05 के मध्य)
1. 29 सितम्बर 2023, शुक्रवार - पूर्णिमा व प्रौष्ठपदी श्राद्ध, पितृपक्ष व महालय श्राद्ध प्रारम्भ, प्रतिपदा का श्राद्ध
2. 30 सितम्बर 2023, शनिवार - द्वितीया का श्राद्ध
3. 01 अक्टूबर 2023, रविवार - तृतीया का श्राद्ध
4. 02 अक्टूबर 2023, सोमवार - चतुर्थी का श्राद्ध, भरणी का श्राद्ध
5. 03 अक्टूबर 2023, मंगलवार - कृतिका का श्राद्ध, पञ्चमी का श्राद्ध
6. 04 अक्टूबर 2023, बुधवार - षष्ठी का श्राद्ध
7. 05 अक्टूबर 2023, गुरुवार - सप्तमी का श्राद्ध
8. 06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार - अष्टमी का श्राद्ध
9. 07 अक्टूबर 2023, शनिवार - नवमी का श्राद्ध, ऐसी सौभाग्यवती मृतकाये जिनकी मृत्यु तिथि का पता नहीं है, उनका श्राद्ध इस दिन निकलेगा ।
10. 08 अक्टूबर 2023, रविवार - दशमी का श्राद्ध
11. 09 अक्टूबर 2023, सोमवार - एकादशी का श्राद्ध
12. 10 अक्टूबर 2023, मंगलवार — मघा का श्राद्ध
13. 11 अक्टूबर 2023, बुधवार - द्वादशी का श्राद्ध, सन्यासियों का श्राद्ध
14. 12 अक्टूबर 2023, गुरुवार - त्रयोदशी का श्राद्ध
15. 13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार - चतुर्दशी का श्राद्ध, विष शस्त्रादि से मृतकों का श्राद्ध
16. 14 अक्टूबर 2023, शनिवार - सर्वपितृ अमावस्या, देव—पितृ अमावस्या, पूर्णिमा-अमावस्या श्राद्ध, जिन पूर्वजो की मृत्यु तिथि का पता नहीं है, उन सभी का श्राद्ध आज करे
17. 15 अक्टूबर 2023, रविवार - मातामह श्राद्ध