Edited By Kailash Singh, Updated: 10 Jun, 2025 01:10 PM

साइबर थाना चित्तौडगढ व पुलिस थाना भूपाल सागर की संयुक्त टीम नें डीएसटी व साइबर सैल की सूचना पर कपासन कस्बे में ऑन लाईन सट्टा खिलाने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके द्वारा उपयोग में लिये गये 11 एण्ड्रॉईड मोबाईल दो स्केनर मशीन व एक कार्ड स्वेप...
चित्तौड़गढ़, 10 जून। साइबर थाना चित्तौडगढ व पुलिस थाना भूपाल सागर की संयुक्त टीम नें डीएसटी व साइबर सैल की सूचना पर कपासन कस्बे में ऑन लाईन सट्टा खिलाने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके द्वारा उपयोग में लिये गये 11 एण्ड्रॉईड मोबाईल दो स्केनर मशीन व एक कार्ड स्वेप मशीन एटीएम व चैक बुक पासबुक जब्त किये हैं।डीएसटी एवं साइबर सैल को सूचना मिली कि कुछ व्यक्ति कपासन कस्बे में विकास पुत्र मनोहरलाल राव के निर्माणाधीन मकान में ऑन लाइन सट्टा का कारोबार कर रहे हैं। जिस पर साइबर अपराधों पर नियंत्रण एवं प्रभावी कार्यवाही हेतु डीएसटी एवं साइबर सैल की सूचना पर साइबर थाना चित्तौडगढ व भूपालसागर थाना की संयुक्त टीम द्वारा कार्यवाही करते हुये कपासन कस्बे में विकास पुत्र मनोहरलाल राव के निर्माणाधीन मकान से तीन आरोपियों कैलाश टाकीज के पास कपासन निवासी 25 वर्षीय विकास पुत्र मनोहर लाल राव, पाईको का मोहल्ला कपासन निवासी 20 वर्षीय सौरभ पुत्र राजेन्द्र आचार्य व ब्रह्मपुरी कपासन निवासी 22 वर्षीय करण पुत्र गोपाल कुमावत को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से ऑन लाईन सटटा खिलाने के उपयोग में लिये जा रहे उपकरण 11 एंड्रॉयड मोबाईल फोन, दो स्केनर मशीन, एक कार्ड स्वेप मशीन, एटीएम व चैक बुक पासबुक जब्त किये गये हैं। पुलिस पूछताछ में तीनों युवकों ने बताया कि उक्त सम्पूर्ण ऑन लाईन सट्टा कपासन निवासी बालमुकुंद ईनाणी उर्फ बुद्विप्रकाश के कहने से अन्य लोगो को लालच देकर ऑन लाईन सिस्टम में जोड कर उनसे ऑन लाईन रूपये प्राप्त कर सटटा चलाते है। यह पूरा सिस्टम बालमुकुन्द इनाणी द्वारा ही संचालित किया जा रहा है व उन्हें उक्त कार्य के लिये पारिश्रमिक देता है। उन तीनों को बालमुकुन्द ईनाणी नें ही ऑन लाईन सट्टा चलाने का काम सिखाया। गिरफ्तार आरोपी विकास राव, करण कुमावत और सौरभ आचार्य द्वारा मास्टर आई.डी से क्लांईट आई.डी पासवर्ड बनाकर ग्राहको को आई.डी पासवर्ड देकर उनके द्वारा विभिन्न खातों में ऑनलाईन माध्यम से रुपये जमा कराने पर उन क्लाइंट आई.डी में रिचार्ज किया जाता हैं। उसके बाद में ग्राहकों के द्वारा स्वयं कि क्लाइंट आई.डी स्वयं के मोबाईल में इंन्टरनेट ब्राउजर व ऐप पर चलाकर सट्टा चलाते हैं।