Edited By Kailash Singh, Updated: 24 Aug, 2025 03:28 PM

केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने आज मीडिया से बातचीत में कई राजनैतिक मुद्दों पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कांग्रेस पर संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर कांग्रेस बार-बार...
बीकानेर। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने आज मीडिया से बातचीत में कई राजनैतिक मुद्दों पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कांग्रेस पर संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर कांग्रेस बार-बार गलत बयानबाजी कर रही है।
मेघवाल ने कहा कि हाल ही में राहुल गांधी ने फर्जी वोटर और वोट चोरी का मुद्दा उठाया था और महाराष्ट्र विधानसभा में भी वोटर लिस्ट पर सवाल किए थे। इसके बाद चुनाव आयोग ने बिहार की वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने के लिए Special Summary Revision का कार्य किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पर उंगली नहीं उठाई जा सकती।
उन्होंने कहा कि बलराम जाखड़ के समय यह तय किया गया था कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर कभी चर्चा नहीं होगी। अब कांग्रेस द्वारा इस पर सवाल खड़ा करना सिर्फ संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की साजिश है।
130वें संविधान संशोधन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नए प्रावधान के अनुसार, यदि कोई मंत्री लगातार 30 दिन तक गंभीर अपराध (5 वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराध) के आरोप में जेल में रहेगा, तो राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर उसे पद से हटा देंगे। यदि प्रधानमंत्री सलाह नहीं देते, तो 31वें दिन से मंत्री स्वतः पदमुक्त हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री खुद ऐसे मामले में 30 दिन तक जेल में रहते हैं तो 31वें दिन तक उन्हें इस्तीफा देना होगा, अन्यथा उनका पद स्वतः समाप्त हो जाएगा।
मेघवाल ने कहा – “जेल में बैठा व्यक्ति देश का शासन नहीं चला सकता। भ्रष्ट और बेईमान लोगों के लिए लोकतंत्र में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।”
आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी उन्होंने बयान दिया। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने खुद माना है कि वे लेफ्ट-लिबरल विचारधारा से जुड़े हैं, जबकि उनका मुकाबला आरएसएस विचारधारा के सी. राधाकृष्णन से है। इस पर विवाद की कोई गुंजाइश नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि 1952 से अब तक चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और बेहतर कार्य किया है तथा लगातार सुधार किए जा रहे हैं। कांग्रेस द्वारा उस पर प्रश्नचिह्न लगाना जनभावनाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ है।