Edited By Kailash Singh, Updated: 13 Aug, 2025 04:57 PM

‘हर घर तिरंगा अभियान’ के तहत जिला प्रशासन, नगर निगम और बीकानेर विकास प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार शाम रवींद्र रंगमंच पर ‘दास्ताने शहीदे आज़म भगत सिंह’ और ‘संगीत-ए-तिरंगा’ कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर दिल्ली की मशहूर दास्तानगो पूनम...
बीकानेर। ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के तहत जिला प्रशासन, नगर निगम और बीकानेर विकास प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार शाम रवींद्र रंगमंच पर ‘दास्ताने शहीदे आज़म भगत सिंह’ और ‘संगीत-ए-तिरंगा’ कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर दिल्ली की मशहूर दास्तानगो पूनम गिरधानी और उस्मान सिद्दीकी ने शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को बेहद असरदार अंदाज़ में प्रस्तुत कर समां बांध दिया। उर्दू लहजे की मिठास और कहानी कहने के अनोखे अंदाज़ में दोनों कलाकारों ने भगत सिंह के बचपन से लेकर उनके क्रांतिकारी सफर, लाहौर षड्यंत्र केस, जेल में बिताए दिनों और फांसी के पहले तक के पलों को इस तरह जीवंत किया कि पूरा ऑडिटोरियम तालियों से गूंज उठा। मंच पर हर शब्द, हर भाव में देशभक्ति की गूंज महसूस की जा सकती थी। पूनम गिरधानी ने मीडिया से विशेष बातचीत में कहा कि दास्तानगोई सिर्फ कहानी कहना नहीं, बल्कि इतिहास को आत्मा के साथ जीना है। भगत सिंह ने अपने विचारों से जितनी क्रांति जगाई, वह आज भी हमारे दिलों में जल रही है।” उस्मान सिद्दीकी ने कहा कि भगत सिंह की सोच सिर्फ अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ नहीं थी, बल्कि एक ऐसे भारत के लिए थी, जहां समानता और न्याय हो। उनकी दास्तान सुनाना हमारे लिए सम्मान है। उल्लेखनीय है कि दास्तानगोई भारत की एक प्राचीन मौखिक कथा-वाचन कला है, जिसकी जड़ें मध्यकालीन फारसी और उर्दू साहित्य में हैं। 16वीं–17वीं सदी में मुगल दरबारों और दिल्ली-लखनऊ जैसे सांस्कृतिक केंद्रों में यह कला चरम पर थी। इसमें एक या अधिक दास्तानगो मंच पर बैठकर, बिना किसी सहारे के, सिर्फ शब्दों, लहजे और अदाओं से श्रोताओं को कहानी की दुनिया में ले जाते थे। प्रायः इसमें वीरता, प्रेम, रहस्य और ऐतिहासिक घटनाओं की कहानियां होती थीं। आधुनिक समय में यह लुप्तप्राय हो चुकी थी, लेकिन पिछले दो दशकों में इसे पुनर्जीवित करने के प्रयास हुए, जिनमें पूनम गिरधानी और उस्मान सिद्दीकी जैसे कलाकार अग्रणी हैं। इस अवसर पर महानिरीक्षक पुलिस हेमंत कुमार शर्मा, डीआईजी भुवन भूषण यादव, जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष, बीकानेर विकास प्राधिकरण आयुक्त अपर्णा गुप्ता, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोहनलाल, राजस्व अपील अधिकारी उम्मेद सिंह रतनू, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सौरभ तिवाड़ी सहित अनेक विभागों के अधिकारी और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।