Edited By Kailash Singh, Updated: 24 Sep, 2025 11:40 AM

जिले के बिजौलिया कस्बे में समाज को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। मां कहलाने वाली एक महिला ने ममता को कलंकित करते हुए 15 दिन के मासूम शिशु को निर्ममता की हद तक प्रताड़ित कर जंगल में मरने के लिए छोड़ दिया। नवजात के मुंह में पत्थर का टुकड़ा ठूंस...
भीलवाड़ा में नवजात के साथ हैवानियत, नवजात को पत्थर में दबाया,मुंह फेविक्विक से चिपकाया
भीलवाड़ा । जिले के बिजौलिया कस्बे में समाज को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। मां कहलाने वाली एक महिला ने ममता को कलंकित करते हुए 15 दिन के मासूम शिशु को निर्ममता की हद तक प्रताड़ित कर जंगल में मरने के लिए छोड़ दिया। नवजात के मुंह में पत्थर का टुकड़ा ठूंस दिया गया ताकि उसकी रोने की आवाज बाहर न आए। वहीं, होंठों को फेवीक्विक से चिपकाकर पत्थरों के ढेर में दबा दिया। मासूम के शरीर पर जलाने के निशान भी पाए गए।
लेकिन कहते हैं कि जिंदगी देने वाला ऊपरवाला हर बार मरने वालों से बड़ा होता है। मंगलवार दोपहर जब सीता का कुंड महादेव के जंगल में मवेशी चराने के लिए एक चरवाहा पहुंचा, तो उसे पत्थरों के ढेर में हलचल नजर आई। पास जाकर देखा तो अंदर नवजात छटपटा रहा था। उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे को तत्काल अस्पताल पहुंचाया।
हालत गंभीर, 2 दिन अहम
बिजौलिया अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद नवजात को भीलवाड़ा जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश धाकड़ ने बताया कि बच्चे के होंठों पर फेवीक्विक लगाने से चमड़ी पूरी तरह उखड़ चुकी है और जीभ के पास भी कट का निशान है। दाहिनी जांघ पर जलाने के गहरे निशान मिले हैं। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चा लगभग 15 से 20 दिन का है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। आने वाले दो दिन उसके लिए बेहद अहम होंगे।
पुलिस तलाशने में जुटी
भीलवाड़ा पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल ग्रामीणों और आस-पास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही मांडलगढ़ और बिजौलिया के अस्पतालों में हाल ही में हुए प्रसव की भी जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस का मानना है कि नवजात की मां या परिजनों ने ही उसे जंगल में मरने के लिए छोड़ा होगा।
बाल कल्याण समिति सक्रिय
बाल कल्याण समिति और भीलवाड़ा चाइल्ड वेलफेयर टीम को भी घटना की जानकारी दे दी गई है। बच्चा खतरे से बाहर हो, इसके लिए चिकित्सक लगातार प्रयासरत हैं।