Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 23 Jul, 2025 07:27 PM
बाड़मेर पुलिस को विशेष अभियान "ऑपरेशन भौकाल" के तहत सेड़वा थाना क्षेत्र के धोलकिया गांव में एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। पुलिस ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो जोधपुर के साथ मिलकर एक अवैध एमडी ड्रग्स बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है।
जयपुर । बाड़मेर पुलिस को विशेष अभियान "ऑपरेशन भौकाल" के तहत सेड़वा थाना क्षेत्र के धोलकिया गांव में एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। पुलिस ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो जोधपुर के साथ मिलकर एक अवैध एमडी ड्रग्स बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। इस संयुक्त कार्रवाई में भारी मात्रा में मादक पदार्थ, उसे बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायन और उपकरण जब्त किए गए हैं, जिनकी कीमत करीब 40 लाख रुपये आंकी गई है, जब्त केमिकल से 100 करोड रुपए की एमडी ड्रग्स तैयार की जा सकती है।
बाड़मेर एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने मौके से 39 किलो 250 ग्राम एमडी/एनडीपीएस मिश्रित तरल पदार्थ, 290 किलो 840 ग्राम विभिन्न रासायनिक लिक्विड (क्लोरोफॉर्म, अमोनिया क्लोराइड, एसिड, टोलविन, ब्रोमीन, एचसीएल, कार्बन सहित), 5 किलो 330 ग्राम सफेद पाउडर, एक इलेक्ट्रिक कांटा, जनरेटर और ड्रग्स बनाने की विधि लिखी दो कॉपियां जब्त की हैं। जब्त की गई सामग्री की कीमत लगभग ₹40 लाख है, जिससे ₹100 करोड़ की एमडी ड्रग्स तैयार की जा सकती थी।
कैसे हुआ पर्दाफाश
एसपी मीना ने बताया कि मुखबिर से सेड़वा थानांतर्गत धोलकिया (कारटीया) गांव में अवैध एमडी ड्रग्स फैक्ट्री चलने की गुप्त सूचना मिली थी। इस सूचना पर वृत्ताधिकारी चौहटन जीवनलाल और थानाधिकारी सेड़वा दीपसिंह के नेतृत्व में विशेष टीमें गठित की गईं। टीम ने मांगीलाल बिश्नोई के खेत में दबिश दी, जहां घर के पीछे एक छपरे में फैक्ट्री का सेटअप मिला। पुलिस को देखकर तीन लोग भागने लगे, जिनमें से मांगी लाल विश्नोई पुत्र रामकिशन बिश्नोई (21) निवासी धोलकिया कारटीया और बिरजू जयेंद्र शुक्ला पुत्र जयेंद्र शुक्ला (45) निवासी मुंबई, महाराष्ट्र को मौके पर ही धर दबोचा गया। एक अन्य आरोपी गणपत सिंह रावणा राजपूत निवासी आकल भागने में सफल रहा। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस फैक्ट्री को स्थापित करने की योजना रमेश उर्फ अनिल बिश्नोई, कमलेश उर्फ कार्तिक बिश्नोई, कमलेश गोदारा और गणपत सिंह रावणा राजपूत ने मिलकर बनाई थी। मांगीलाल को फैक्ट्री के लिए जगह देने के बदले रमेश द्वारा 10 लाख रुपये दिए जाने थे, जिसमें से 5 लाख नकद दिए जा चुके थे। फैक्ट्री के लिए सामग्री मुंबई से मंगवाई गई थी, जिसमें नर्मदा ग्लास कंपनी से कांच का सामान और रोहन कंपनी से रासायनिक पदार्थ/केमिकल/एसिड शामिल थे।
टीम जिसने 'ऑपरेशन भौकाल' को बनाया सफल
इस महत्वपूर्ण और सफल कार्यवाही में थाना सेड़वा के कांस्टेबल मनोहर सिंह की विशेष भूमिका रही है। इसके अतिरिक्त, पुलिस टीम में एसएचओ दीप सिंह सहित हैडकांस्टेबल आसु राम, कांस्टेबल गंगाराम, कांस्टेबल खेमाराम, रामकिशोर, कालूराम, प्रभु राम, मोहन लाल, भोजाराम, महिला कांस्टेबल धाई और कांस्टेबल चालक चैनराम शामिल रहे।
आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड
इस प्रकरण में कुल 10 आरोपियों को नामजद किया गया है, जिनमें से कुछ का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी है:
• मांगीलाल पुत्र रामकिशन बिश्नोई: इस पर 1 मुकदमा दर्ज है, जो वर्तमान एमडी ड्रग्स फैक्ट्री से संबंधित है।
• रमेश कुमार उर्फ रामलाल उर्फ अनिल कुमार पुत्र सोहनलाल: इस आरोपी पर कुल 17 मुकदमे दर्ज हैं. जिसमे चोरी, लूट, मारपीट, हत्या के प्रयास, अपहरण और एनडीपीएस एक्ट के तहत मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित है। यह एक आदतन अपराधी है जिस पर पुलिस मुख्यालय द्वारा ₹1 लाख का इनाम घोषित है और यह रेंज व जिला स्तर पर 'टॉप-10' सक्रिय अपराधियों में शामिल है।
• कमलेश उर्फ कार्तिक पुत्र सदराम बिश्नोई: इस पर 2 मुकदमे दर्ज हैं, जो आर्म्स एक्ट के तहत अवैध हथियारों से जुड़े हैं।
• गणपत सिंह पुत्र भंवरसिंह राणा राजपूत: इस आरोपी पर 4 मुकदमे दंगा, आगजनी, सरकारी कर्मचारियों पर हमला, शारीरिक चोट पहुंचाने और अवैध हथियारों से संबंधित दर्ज है।
• कमलेश पुत्र जगमालराम गोदारा : इस पर 2 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से एक एनडीपीएस एक्ट के तहत मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित है।
• रोहन प्रभाकर गवान्स (मालिक, रोहन कंपनी, मुंबई): इस पर 2 मुकदमे दर्ज हैं। एक मुकदमा एनडीपीएस एक्ट के तहत मादक पदार्थों से संबंधित है, जबकि दूसरा घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत दर्ज है।
नामजद किए गए अन्य अपराधी और उनकी भूमिका:
रमेश कुमार उर्फ रामलाल उर्फ अनिल कुमार पुत्र सोहनलाल बिश्नोई निवासी नेड़ीनाडी, धोरीमना): फैक्ट्री स्थापित करवाने का मुख्य आरोपी. इस पर पुलिस मुख्यालय द्वारा ₹1 लाख का इनाम घोषित है।
कमलेश उर्फ कार्तिक पुत्र सदराम बिश्नोई निवासी चैनपुरा, धोरीमना: फैक्ट्री स्थापित करवाने का सहयोगी आरोपी.
गणपत सिंह पुत्र भंवरसिंह राणा राजपूत निवासी आकल, सेड़वा: फैक्ट्री स्थापित करवाने का सहयोगी।
कमलेश पुत्र जगमालराम गोदारा निवासी फागलिया, बाखासर: फैक्ट्री स्थापित करवाने का सहयोगी।
शिवा भाई निवासी उड़ीसा: एमडी/एनडीपीएस घटक अवैध मादक पदार्थ बनाने की विधि का विशेषज्ञ।
नर्मता मैडम निवासी ठाणे शहर महाराष्ट्र: नर्मदा ग्लास कंपनी, ठाणे से मशीन सेटअप हेतु कांच की सामग्री उपलब्ध करवाई।
मच्छिंद्र भोसले पुत्र तुकाराम निवासी महाड़ अकोला महाराष्ट्र: रोहन कंपनी मुंबई से अवैध एनडीपीएस के घटक मादक पदार्थ बनाने हेतु रासायनिक पदार्थ/केमिकल/एसिड मंगवाए।
रोहन प्रभाकर गवान्स (मालिक रोहन कंपनी, मुंबई): जहां से रासायनिक पदार्थ/केमिकल/एसिड मंगवाए गए।
आरोपियों में चोरी, लूट, मारपीट, हत्या का प्रयास, अपहरण, अवैध हथियार रखने और सबसे महत्वपूर्ण, मादक पदार्थों की तस्करी व निर्माण जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्तता पाई गई है। यह गिरोह एक संगठित आपराधिक नेटवर्क का हिस्सा है जो विभिन्न अवैध गतिविधियों में शामिल है।