Edited By Kailash Singh, Updated: 30 Jul, 2025 05:45 PM

राजस्थान में शायद ही ऐसा कोई सरकारी स्कूल सुना होगा, जहां प्रतिदिन सुबह मात-पिता के वंदन की प्रार्थना करवाई जाती हो। हा, राजस्थान के ही बारां जिले के आदिवासी सहरिया बाहुल्य शाहाबाद उपखंड क्षेत्र के मुख्यालय से 18 किमी दूर स्थित बमनगवा गांव में एक...
ऐसा सरकारी स्कूल है, जहां मात-पिता के वंदन की होती हैं प्रार्थना
बारां, 30 जुलाई(दिलीप शाह)। राजस्थान में शायद ही ऐसा कोई सरकारी स्कूल सुना होगा, जहां प्रतिदिन सुबह मात-पिता के वंदन की प्रार्थना करवाई जाती हो। हा, राजस्थान के ही बारां जिले के आदिवासी सहरिया बाहुल्य शाहाबाद उपखंड क्षेत्र के मुख्यालय से 18 किमी दूर स्थित बमनगवा गांव में एक ऐसा भी राजकीय उच्च माध्यमिक सरकारी स्कूल है, जहां मात पिता के वंदन की रोजमर्रा प्रार्थना करवाई जाती है। विशेष बात तो यह है कि संगीतमय यह प्रार्थना स्कूल प्रबंधकों ने मां बाप को समर्पित करते हुए स्कूली बच्चों से लयबद्ध यूं करवाई जाती है, "मुझे इस दुनिया में लाया, मुझे चलना, बोलना सिखाया, ओ मात पिता तुम्हें वंदन, मैने किस्मत से तुम्हें पाया"। सरकारी विद्यालयों में इस तरह की प्रार्थना होना किसी खूबसूरती से कम नहीं है। बच्चों को छोड़ने वहां पहुंचने वाले अभिभावको के पैर भी इस प्रार्थना को सुनने के लिए ठहर जाते हैं। इतना ही नहीं स्कूल प्रबंधन स्कूली बच्चों को भ्रमण कार्यक्रम से भी जोड़ता है।झांसी, ओरछा, चितौड़ का भ्रमण करवा कर उन्हें वहां के इतिहास से अवगत भी करवाया है। बमनगवा गांव के इस राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्कूल में लगभग 325 विद्यार्थी हैं।