Edited By Kailash Singh, Updated: 30 Mar, 2025 12:45 PM

जिला एवं सेशन न्यायाधीश अशोक चौधरी ने जगदीश प्रसाद पुत्र कन्हैया लाल निवासी शाहाबाद तत्कालीन ग्रामसेवक ग्राम पंचायत गणेशपुरा पंस शाहाबाद एवं लक्ष्मणलाल खंगार पुत्र कल्याण सिंह निवासी गणेशपुरा तत्कालीन सरपंच ग्राम पंचायत गणेशपुरा को धारा 420, 409,...
बारां, 30 मार्च(दिलीप शाह)। जिला एवं सेशन न्यायाधीश अशोक चौधरी ने जगदीश प्रसाद पुत्र कन्हैया लाल निवासी शाहाबाद तत्कालीन ग्रामसेवक ग्राम पंचायत गणेशपुरा पंस शाहाबाद एवं लक्ष्मणलाल खंगार पुत्र कल्याण सिंह निवासी गणेशपुरा तत्कालीन सरपंच ग्राम पंचायत गणेशपुरा को धारा 420, 409, 120वीं भादस में दोषसिद्ध करते हुए आठ माह के साधारण कारावास एवं 2-2 लाख रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है। लोक अभियोजक तेजेंद्र शर्मा ने बताया कि 7 सितंबर 2007 को लक्ष्मणलाल गुरू विकास अधिकारी पंचायत समिति शाहाबाद ने एक रिपोर्ट पेश की थी कि 20 अगस्त 2007 को विकास अधिकारी पंचायत समिति शाहाबाद के पद पर कार्य ग्रहण किया। मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बारां द्वारा ग्राम पंचायत गणेशपुरा पंचायत समिति शाहाबाद का 30 अगस्त 2007 को निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान ज्ञात हुआ कि 29 मई 2005 से 11 सितंबर 2006 की अवधि में जगदीश भार्गव ग्राम पंचायत गणेशपुरा में ग्रामसेवक एवं पदेन सचिव के पद पर कार्यरत रहे हैं। इस अवधि में इन्होंने ग्राम पंचायत गणेशपुरा के हाडौती क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शाहाबाद के खाता संख्या 783 एवं 1549 में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कुल राशि 22, 87, 613 रूपए पंचायत खाते में प्राप्त किए एवं अपने दो पुत्रों सुरेंद्र भार्गव एवं अनिल भार्गव के नाम से 115550 रूपए के कुल 5 चैक काटे तथा अपने रिश्तेदार सुनील भार्गव के नाम से भी 30 जनवरी 2006 को तीस हजार रूपए का चैक काटा। इन सभी चैकों को काटने से पूर्व सक्षम स्वीकृति नहीं ली गई तथा इन चैकों का आहरण भी इनके रिश्तेदारों द्वारा किए जाने की पुष्टि बैंक द्वारा हुई। इन चैकों का इन्द्राज केश बुक में नहीं किया गया। 5 अक्टूबर 2005 को 14490 रूपए का सहरिया विशेष रोजगार योजना अंतर्गत स्वीकृत आंगनबाडी गबन गणेशपुरा में किवांड खिडकी लगाने हेतु लिखित बेल्डिंग वर्क्स शाहाबाद से कार्य किए जाने का बाउचर केश बुक में दर्ज किया गया और इस बाबत स्टाक रजि. का संधारण होना नहीं पाया गया और ना ही आंगनबाडी केंद्र पर किवांड खिडकी लगाए गए। केश बुक में सफेद पोत कर इस राशि को सरपंच लक्ष्मण खंगार के अंग्रिम रूप में लिखकर फर्जकारी कर दी। जगदीश भार्गव के विरूद्ध गबन करने के आरोप में थाना शाहाबाद में प्राथमिकी विभिन्न धाराओं में दर्ज की गई। गणेशपुरा पंचायत के बैंक खाते में प्राप्त राशि 22,87, 613 रूपए को व्यय करने में इन्होंने राजस्थान पंचायत राज अधिनियम 1986 के नियम 21 एवं उसके उपबंधों का बेईमानी एवं गबन करने की नियत से जानबूझकर उल्लंघन कर कुल रूपए 17,09,877 का व्यय किया गया, जिसमें से चेक द्वारा भुगतान केवल 367837 का ही किया गया। शेष राशि 13, 42, 040 राशि का भुगतान नियम 21(1) का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए नगद रूप में किया गया। इस प्रकार इनके द्वारा उक्त अवधि में 1342040 का अवैध व्यय कर राशि का दुर्विनियोजन किया। जगदीश भार्गव ने अपने 20 वर्ष से अधिक की सेवा के अनुभव का फायदा उठाते हुए बेईमानी, गबन करने के आशय से 8, 83, 290 रूपए पंचायतीराज के खाते से अग्रिम रूप से निकलवाए। बेईमानी के आशय से ग्रामसेवक एवं पदेन सचिव से समस्त राशि को सरपंच के अग्रिम देना अंकित किया, जबकि सचिव इस प्रकार से सरपंच को अग्रिम देने के लिए अधिकृत नहीं था। इस प्रकार जगदीश प्रसाद तत्कालीन ग्रामसेवक एवं लक्ष्मण खंगार तत्कालीन सरपंच का उक्त कृत्य अंतर्गत धारा 420, 406, 408, 409, 467, 468, 471, 120बी आईपीसी का दण्डनीय अपराध होने से चालान अधीनस्थ न्यायालय में पेश किया गया।
अधीनस्थ न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के विरूद्ध प्रमाणित मानकर तीन वर्ष का साधारण कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया था। उक्त निर्णय के विरूद्ध अभियुक्तगण द्वारा जिला एवं सेशन न्यायालय में अपील पेश की गई थी।