ऐसा मंदिर जहां शिवलिंग की नहीं शिव शरीर की होती है पूजा

Edited By Kailash Singh, Updated: 10 Sep, 2025 02:40 PM

a temple where shiva s body is worshipped and not the shivling

भगवान शिव के अनेक रूप है, अनेक नाम हैं। पूजा करने का तरीका भी अलग अलग है, लेकिन पूजा स्थल एक है। दरअसल, हमने भगवान शिव के हर मंदिर में शिवलिंग की पूजा, अर्चना, अभिषेक होते देखा है लेकिन राजस्थान के बारां जिले की रटावद ग्राम पंचायत के जगन्नाथपुरा नया...

बारां, 10 सितंबर (दिलीप शाह)। भगवान शिव के अनेक रूप है, अनेक नाम हैं। पूजा करने का तरीका भी अलग अलग है, लेकिन पूजा स्थल एक है। दरअसल, हमने भगवान शिव के हर मंदिर में शिवलिंग की पूजा, अर्चना, अभिषेक होते देखा है लेकिन राजस्थान के बारां जिले की रटावद ग्राम पंचायत के जगन्नाथपुरा नया गांव नूरपुर में स्थित केदारनाथ भगवान शिव का एक ऐसा भी मंदिर है जहां पर शिवलिंग ही नहीं है। शिव का धड़ समेत शरीर विराजमान है, जिसकी आने वाले श्रद्धालु, भक्त उस अंग की पूजा अर्चना कर मन्नते मांगते हैं। कहते हैं यह मंदिर कुदरत के करिश्में की देन है।
इस मंदिर के निर्माण और उनके लिए स्थापना की कहानी भी चमत्कार से भरी हुई है। गांव के बुजुर्ग बताते है कि यह शिव मंदिर बरसों पुराना प्राचीन मंदिर है। उनके पुरखों के अनुसार यहां शिव मंदिर की प्रतिमा चट्टानों से प्रकट हुई है। मुगलकाल में मुस्लिम साम्राज्य के समय औरंगजेब ने पहले मंदिर पर स्थित नंदी (नादिया) की प्रतिमा का सिर धड़ से अलग किया। फिर मंदिर के प्रवेश द्वार बनी नव ग्रहों की प्रतिमाओं को खंडित किया, जो आज भी देखी जाती है।
जगन्नाथपुरा गांव के ही 75 वर्षीय प्रहलाद मीणा का कहना था कि इस मंदिर की कई मान्यताएं हैं। यहां जो खाली हाथ आता है, शिव का आशीर्वाद ही पाता है। मंदिर में शिव शरीर की प्रतिमा का स्वरूप है। यहां 17 वर्षों से अखंड ज्योति जलती है। मावस की चौदस ओर सोमवार को शिव दर्शन के लिए दूर दराज से लोग आते हैं। उनमें मुंबई, दिल्ली तथा उज्जैन के श्रद्धालु भी शामिल हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर यहां गांव में मेला भी लगता है। दो बड़े कुंड है जहां भक्त स्नान करते हैं। इन कुंडों का पानी कभी नहीं टूटता। इस के आसपास कई प्राचीन मूर्तियां बिखरी पड़ी हुई हैं। यह सब कुदरत का करिश्मा है। बताते हैं कि मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान निकली पार्वती की प्रतिमा स्थल को श्रद्धालुओं ने मनोकामनाएं पूर्ण होने पर यहां भी मंदिर बनवाया।
दरअसल राजस्थान के बारां जिले के बेहद छोटे से गांव  में स्थित इस मंदिर का नाम केदारनाथ जगन्नाथपुरा शिव मंदिर है। जहां दुनिया से लोग आते हैं। इस मंदिर के पीछे मान्यता है कि यहां गो माता की प्रतिमा पर बछड़ा एक थन से दूध पिता दिखता है, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन गाय का दूसरा थन भी दिखाई देता है। जो लोगों को आश्चर्य लगता है। दूसरा जो यहां आता है और मन्नत मांगता हैं वो पूरी होती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पहली बार अपनी जीत के बाद यहां साईं बाबा का मंदिर बनवाया। पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया ने मंदिर के आगे के हिस्से के बरामदे की छत डलवाई थी।

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