बांरा में सनातन के समक्ष चुनौतियां विषय पर प्रबुद्धजन गोष्ठी का हुआ आयोजन

Edited By Kailash Singh, Updated: 28 Jan, 2025 03:51 PM

a seminar was organized on the topic of challenges before sanatan

भारत प्राचीनकाल में सोने की चिड़िया और विश्व गुरु के रूप में जाना जाता था। हिंदू चिंतन का मूल प्राणी मात्र के सुख और विश्व बंधुत्व की कल्पना है, जिसमें कर्णवन्तो विश्वमार्यम का भाव निहित है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का लक्ष्य भारत को वैभव संपन्न...

बारां, 28 जनवरी (दिलीप शाह)। भारत प्राचीनकाल में सोने की चिड़िया और विश्व गुरु के रूप में जाना जाता था। हिंदू चिंतन का मूल प्राणी मात्र के सुख और विश्व बंधुत्व की कल्पना है, जिसमें कर्णवन्तो विश्वमार्यम का भाव निहित है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का लक्ष्य भारत को वैभव संपन्न बनाना है। मैदान में लगने वाली संघ की शाखा में चरित्रवान संस्कारवान और देशभक्त नागरिकों का निर्माण होता है। संघ सभी मत पंथ या संप्रदाय के लोगों के लिए खुला है, बेशर्त वे भारत को मातृभूमि मानें और उसके प्रति सम्मान रखें। यह उद्गार अस्पताल मार्ग पर स्थित खंडेलवाल धर्मशाला सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क विभाग द्वारा सनातन के समक्ष चुनौतियां एवं हमारी भूमिका विषय पर आयोजित प्रबुद्धजन गोष्ठी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह संपर्क प्रमुख योगेंद्र ने व्यक्त किए। उन्होंने उपस्थित प्रबुद्धजनों को संबोधित करते हुए कहा कि संघ के स्वयंसेवक विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक कल्याण के लिए कार्यरत है। जैसे जनजाति क्षेत्रों में वनवासी कल्याण आश्रम, सीमावर्ती क्षेत्रों में सीमाजन कल्याण समिति और शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती। पहले यह धारणा थी कि हिंदू समाज को संगठित करना कठिन है, लेकिन आज हिंदू समाज समरस और एकजुट हुआ है। रामसेतु के संकट या अमरनाथ श्राइन बोर्ड की घटना जैसे अवसरों पर हिंदू समाज ने अपनी एकता और जागरूकता का परिचय दिया है।
भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ी
उन्होंने कहा कि आज सैन्य, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक महाशक्ति के रूप में उभरा है। सर्जिकल स्ट्राइक, कोरोना काल में वैक्सीन उपलब्धता और योग व दीपावली का विश्वव्यापी प्रसार भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का प्रमाण है। भारत को कमजोर करने के लिए विदेशी षड्यंत्र सक्रिय हैं। जातिवाद, सांप्रदायिकता और सांस्कृतिक विभाजन जैसे मुद्दों का दुष्प्रचार किया जा रहा है। सनातन विरोधी विदेशी ताकतें भारत की संस्कृति और सनातन जड़ों को कमजोर करने में लगे हैं। वर्तमान में इस चुनौती के समाधान के लिए हम सभी जागरूक और संगठित रहकर स्वदेशी प्रकृति संरक्षण, परिवार व्यवस्था को सुदृढ़ कर नागरिक कर्तव्यों का पालन और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है। नगर संपर्क प्रमुख दीपक मीणा ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मंचासीन अतिथियों का परिचय विभाग संपर्क प्रमुख सुनील गुप्ता ने कराया।
कार्यक्रम का समापन एक चर्चा सत्र के साथ हुआ जिसमें प्रबुद्धजनों से सुझाव प्राप्त किए गए। आगंतुक आगंतुको प्रबुद्धजनों का राधेश्याम गर्ग जिला संघ चालक ने आभार प्रकट किया। शांति मंत्र के साथ गोष्ठी का समापन हुआ।

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