Edited By Kailash Singh, Updated: 15 Apr, 2025 01:49 PM

बांसवाड़ा जिले में गोवंश तस्करी की आशंका के चलते गो रक्षकों ने 52 ट्रकों को रुकवाया, जिनमें 300 से अधिक गोवंश लाए जाने की जानकारी सामने आई। यह गोवंश नागौर जिले में आयोजित पशु मेले से लाए गए थे, लेकिन पुलिस की सहायता से इन ट्रकों को मध्य प्रदेश सीमा...
बांसवाड़ा, 15 अप्रैल (मृदुल पुरोहित): बांसवाड़ा जिले में गोवंश तस्करी की आशंका के चलते गो रक्षकों ने 52 ट्रकों को रुकवाया, जिनमें 300 से अधिक गोवंश लाए जाने की जानकारी सामने आई। यह गोवंश नागौर जिले में आयोजित पशु मेले से लाए गए थे, लेकिन पुलिस की सहायता से इन ट्रकों को मध्य प्रदेश सीमा पर रोक दिया गया। हालांकि, सांसद राजकुमार रोत ने इस पूरे मामले पर गंभीर सवाल उठाए हैं, जिनसे यह प्रतीत होता है कि यह मामला गोवंश तस्करी से जुड़ा हो सकता है।
गो रक्षकों का गुस्सा, अवैध परिवहन का आरोप
नागौर जिले के मेड़ता में आयोजित पशु मेले से गोवंश को लेकर ट्रक मध्य प्रदेश ले जाए जा रहे थे। इस दौरान एक व्हाट्सएप ग्रुप में सूचना वायरल हुई, जिसमें बताया गया कि बांसवाड़ा और सलूंबर के रास्ते से अवैध रूप से गोवंश का परिवहन किया जा रहा है। इसके बाद गौ रक्षकों, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता सक्रिय हो गए और विभिन्न स्थानों पर इन ट्रकों को रुकवाने के प्रयास किए। रात्रि में इन ट्रकों को रोककर गुस्साए कार्यकर्ताओं ने इन्हें बांसवाड़ा जिले की गौशालाओं में भेजने की मांग की।
पुलिस की भूमिका और सांसद का सवाल
बांसवाड़ा पुलिस ने इन ट्रकों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से एस्कॉर्ट किया और उन्हें मध्य प्रदेश की सीमा तक पहुंचाया। लेकिन, जब ये ट्रक मध्य प्रदेश में पहुंचे, तो वहां के अधिकारियों ने इन ट्रकों को प्रवेश नहीं दिया। बांसवाड़ा उपाधीक्षक गोपीचंद मीणा ने बताया कि ट्रकों को सुरक्षा के लिए एस्कॉर्ट किया गया था, लेकिन जब मध्य प्रदेश पुलिस ने इन्हें रोका, तो गोवंश को बांसवाड़ा जिले की गौशालाओं में उतार लिया गया। हालांकि, सांसद राजकुमार रोत ने इस मामले पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "गोवंश को नागौर से मध्य प्रदेश के मंडला जिले ले जाया जा रहा था, लेकिन जिस रास्ते से यह ट्रक जा रहे थे, वह बांसवाड़ा से नहीं गुजरता। इससे यह साफ है कि इन ट्रकों के जरिए गोवंश को बूचड़खाने ले जाया जा रहा था। राजस्थान सरकार गोवंश परिवहन करने वालों को खुलेआम प्रश्रय दे रही है।"
संदेह और जांच की जरूरत
इस बीच, साध्वी माही दीदी ने भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए और कहा कि गोवंश के परिवहन को लेकर बार-बार बयान बदले जा रहे हैं, जिससे संदेह उत्पन्न हो रहा है। गौ रक्षा समिति से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि यदि कागजात होते हुए भी मध्य प्रदेश पुलिस ने इन ट्रकों को रोका है, तो इसका मतलब है कि कुछ तो गड़बड़ है। यह मामला गहन जांच का विषय बन चुका है, और यह तय करना आवश्यक है कि इन गोवंश को तस्करी के माध्यम से आगे ले जाया जा रहा था या नहीं। इस घटनाक्रम ने गोवंश की तस्करी पर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं और यह प्रतीत होता है कि बांसवाड़ा पुलिस और गो रक्षकों के प्रयासों से बड़ी तस्करी को रोकने में सफलता मिली है।