Edited By Raunak Pareek, Updated: 19 Jul, 2025 03:44 PM

आदिशताब्दी के बाद ऐसा पहला मौका रहा, जब तीर्थ नगरी ने एक बार फिर बाढ़ जैसी स्थिति का सामना किया। माली मोहल्ला, छोटी बस्ती, सावित्री मार्ग, वराह घाट सहित कई इलाकों में दो से तीन फीट पानी भर गया।
18 जुलाई 2025 को पुष्कर में हुई मूसलाधार बारिश ने 1975 की बाढ़ की भयावह तस्वीर फिर ताजा कर दी। आदिशताब्दी के बाद ऐसा पहला मौका रहा, जब तीर्थ नगरी ने एक बार फिर बाढ़ जैसी स्थिति का सामना किया। माली मोहल्ला, छोटी बस्ती, सावित्री मार्ग, वराह घाट सहित कई इलाकों में दो से तीन फीट पानी भर गया। डूब क्षेत्र के हालात बेहद खराब रहे, वहीं निचली बस्तियों में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होती गई।
सिविल डिफेंस की टीमों ने त्वरित रेस्क्यू अभियान चलाते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। तीर्थ पुरोहित वैद्यनाथ पाराशर ने कहा कि सरोवर में जलस्तर का बढ़ना धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ संकेत है, जिससे श्रद्धालुओं और पुरोहितों के चेहरे खिले नजर आए। सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर ने प्रशासन से मांग की कि भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए स्थायी समाधान किया जाए।
बारिश ने जहां एक ओर आपदा जैसे हालात बनाए, वहीं श्रद्धालुओं ने तीर्थ सरोवर में जल भराव को आस्था का प्रतीक मानते हुए इसे सकारात्मक रूप में लिया।