Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 04 Aug, 2025 12:05 PM

अजमेर । जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पहल पर बनी स्पीकर हैल्प डेस्क मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। स्पीकर हैल्प डेस्क के माध्यम से अस्पताल में आने वाले गंभीर श्रेणी के मरीजों को मिलने वाला गोल्डन रिस्पांस...
अजमेर । जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पहल पर बनी स्पीकर हैल्प डेस्क मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। स्पीकर हैल्प डेस्क के माध्यम से अस्पताल में आने वाले गंभीर श्रेणी के मरीजों को मिलने वाला गोल्डन रिस्पांस टाइम मात्र कुछ मिनट्स का रह गया है। इससे मरीजों की जान बच रही है। उन्हें उपचार में भी प्राथमिकता के आधार पर सहायता मिल रही है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पहल पर अजमेर के जेएलएन अस्पताल में स्पीकर हैल्प डेस्क का शुभारंभ किया गया था। एक साल पहले शुरू हुई इस हैल्प डेस्क के माध्यम से अब तक 5000 से ज्यादा मरीजों को उपचार प्राप्त हुआ है। इनमें कई मरीज ऐसे हैं, जिन्हें गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अजमेर संभाग के चारों जिलो के मरीजों को इस डेस्क का फायदा मिल रहा है, उन्हें उपचार के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ रहा है।
गोल्डन टाइम में मिला उपचार, बची जान
गंभीर रूप से बीमार, घायल या हार्ट अटैक आदि की स्थिति में मरीज को मिलने वाले उपचार में समय सीमा का सर्वाधिक महत्व है। अगर मरीज को समय पर सही उपचार मिल जाए तो उसकी स्थिति को गंभीर होने से बचाया जा सकता है। उसकी जान बचाई जा सकती है। स्पीकर हैल्प डेस्क इस उद्देश्य में खरी उतर रही है। हैल्प डेस्क पर सीधे या व्हाट्सएप के माध्यम से सूचना मिलने पर जो रिस्पान्स टाइम है, वह मात्र कुछ मिनट का है। अर्थात यहां पहुचने के साथ ही मरीज का पर्याप्त समय में उपचार शुरू हो जाता है।
इस तरह काम करती है हैल्प डेस्क
जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में आपातकालीन इकाई में स्पीकर हैल्प डेस्क स्थापित की गई है। इस हैल्प डेस्क पर 24ग7 स्टाफ तैनात रहता है। हैल्प डेस्क पर सम्पर्क करने के साथ ही अस्पताल स्टाफ मरीज व परिजनों की सहायता की प्रक्रिया शुरू कर देता है। मरीज अगर दिन में आया है और उसे सिर्फ चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत है तो उसे ओपीडी में संबंधित चिकित्सक के पास भेजा जाता है। अगर मरीज गंभीर स्थिति में है तो हैल्प डेस्क उसे तुरंत आपातकालीन चिकित्सा दिलवाने के साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टर्स को सूचित करती है। मरीज को तुरंत चिकित्सा उपलब्ध कराई जाती है। विधानसभा अध्यक्ष के स्तर पर एक व्हाट्सएप गु्रप का भी गठन कर इसमें क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, चिकित्सकों व चिकित्सा अधिकारियों को जोड़ा गया है। व्हाट्सएप गु्रप में 24X7 सहायता उपलब्ध है। सूचना मिलते ही चिकित्सा प्रशासन तुरंत काम शुरू करता है। व्हाट्सएप ग्रुप से तत्काल चिकित्सकों को मरीज एवं परिजन की जानकारी देते ही हैल्प डेस्क तुरंत अस्पताल से सम्पर्क कर मरीज के उपचार तक संपर्क में रहती है।
इन विभागों में उपलब्ध सेवाएं
जवाहर लाल नेहरू अस्पताल कई विभागों की चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं। इनमें ऑर्थोपेडिक, मेडिसिन, हृदय रोग, टीबी चेस्ट, नेत्र, जनरल सर्जरी, शिशु रोग, पीएमआर, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, मनोरोग, कान, नाक, गला रोग विभाग, एनेस्थीसिया, गेस्ट्रोलॉजी, कार्डियो थॉरोसिक, न्यूरोलॉजी, रेडियो थैरेपी, ब्लड बैंक, माइक्रो बायोलॉजी, आपातकालीन, पीडियाट्रिक बायो कैमेस्ट्री एवं फॉरेंसिक मेडिसिन आदि विभाग शामिल हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने किया निरीक्षण
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने रविवार को जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में हैल्प डेस्क का निरीक्षण किया। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात कार्मिकों से मरीजों को दिए जाने वाली सुविधाओं के बारे में पूछा। उन्होंने चिकित्सकों की उपलब्धता, जांच, मरीजों को दी जाने वाली सहायता और दवाओं आदि के बारे में जानकारी ली। इस अवसर पर देवनानी ने कहा कि संभाग के सबसे बड़े जवाहर लाल नेहरू अस्पताल को आदर्श अस्पताल बनाने की दिशा में कोई भी कसर बाकी नहीं छोडी जा रही है। इसके लिए हर जरूरी संसाधनों को तेजी से जुटाया जा रहा है। जेएलएन अस्पताल प्रदेश का पहला चिकित्सालय है जहां स्पीकर हैल्प डेस्क की स्थापना हुई है। इसके जरिए मरीजों और उनके परिजनों को कई तरह की सहूलियतें मुहैया हो रही है। देवनानी ने कहा कि अस्पताल आने वाले मरीज और उनके परिजन किसी भी समय जरूरत पड़ने पर बिना किसी हिचकिचाहट के स्पीकर हैल्प डेस्क पहुंच मदद प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर मरीजों के परिजन व स्टाफ ने उनका अभिनंदन किया। प्राचार्य डॉ. अनिल सामरिया व स्टाफ भी साथ रहा।